कागजों पर चल रहा है कृषि विभाग , किसानों को नहीं मिला कृषि विभाग का बीज

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जितेन्द्र राठौङ झकनावदा

कहने को तो मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री किसान पुत्र कहलाते हैं और जो भी सरकार प्रदेश में और देश में आती है वह किसानों की हित के बड़े दावे करती है लेकिन उन सरकारी दावों और जमीनी हकीकत में बड़ा अंतर देखने को मिलता है लगता है यह सरकारी तामझाम और दावे और तमाम योजनाएं जो किसानों के हित में बनाई जाती है वह केवल दिल्ली के कृषि भवन और भोपाल के वल्लभ भवन मैं केवल कागजों पूरी बनती है या फिर योजना तो लागू होती है तो जमीनी स्तर पर अधिकारी किसानों तक योजनाओं का लाभ पहुंचने नहीं देते मामला पेटलावद जनपद के झकनावदा क्षेत्र के किसानों का है क्षेत्र में कृषि विभाग के अंतर्गत झकनावदा उप तहसील में 70 से अधिक गांव लगते हैं ! क्षेत्र में किसानों को नहीं मिला बोवनी के लिए बीज । झकनावदा क्षेत्र में मैं 70 से अधिक गांव लगते हैं और किसान या तो मजदूरी या कृषि पर निर्भर रहते हैं कोरोना कॉल होने के कारण गुजरात से मजदूरी वापस अपने घर आ चुके थे जिसके कारण गरीब ग्रामीण आज 6,000 प्रति क्विंटल से अधिक भाव में गरीब किसान बनी के लिए सोयाबीन खरीदने को मजबूर हो रहे हैं किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए 50% से अधिक सब्सिडी के बीज देने का कृषि विभाग तमाम दावे करता है लेकिन किसानों के पास एक क्विंटल सोयाबीन कपास मक्का या कोई दाल के लिए कोई भी बीज कृषि विभाग द्वारा किसानों को उपलब्ध नहीं कराया गया है और ना कभी कराया जाता है शासन के और सरकार के किसानों के हित के तमाम दावों की पोल खुलती नजर आ रही है . …

 किसानों का आरोप बाजार में बिक रहा है कृषि विभाग का बीज) 

जिस तरह से सरकार दावा करती है किसानों के पास पर्याप्त मात्रा में बोनी के बीज पहुंचाया जा रहा है तो क्या कृषि विभाग के अधिकारी उस बीज को बाजार में बेच रहे हैं किसान फकिरचन्द्र माली ने आरोप लगाया कि कृषि विभाग के अधिकारी के पास जब भी दवाई है बीज के लिए जाते हैं तो कहा जाता है कि हमारे यहां बीज नहीं है दवाई नहीं है और जब पोर्टल पर देखते हैं तमाम योजनाएं किसानों के हित में बताई जाती है तो आखिर क्या बीज कृषि विभाग के अधिकारी बाजार में भेज रहे हैं कोई बीज किसानों के बाद नहीं पहुंच पा रहा है किसान वासुदेव जमादार बता दे कई बार बीज के लिए कृषि विभाग के चक्कर काटे परंतु आज तक हमें बीच नहीं मिला कृषक बंटू वसुनिया का कहना है हमारे क्षेत्र में आज तक कोई बीज नहीं आया और जब भी कृषि विभाग में जाते हैं हमेशा जाता है जब भी भी जाएगा सूचना मिल जाएगी और फिर अगर हम 8 दिन बाद जाते हैं तो कहा जाता है कि बीच खत्म हो गया तो आखिर बीच गया कहां जो भी सरकार की योजना आ रही है उनकी जांच होना चाहिए और किसानों के बीज पहुंचना चाहिए . इस बार मात्र 10 पैकेट आए थे जो हमने वितरित कर दिए हैं_ सिंगार कृषि अधिकारी .

प्रदेश सरकार और अधिकारी किसानों के साथ धोखा कर रहे हैं अधिकारी मोबाइल बंद कर कर बैठे हैं किसान परेशान है बीज अधिकारी द्वारा मार्केट में बेचा जा रहा है इसकी जांच होना चाहिए और किसानों को बीज मिलना चाहिए. वालसिह मेङा विधायक पेटलावद .

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