झाबुआ लाइव डेस्क
देश में इस समय भाजपा का ढंका बज रहा है। लेकिन रायपुरिया मंडल में विधानसभा के बाद लोकसभा में भी भाजपा को करारी हार का सामना करना पडा था। यहा संगठन तो है लेकिन मजबुत नही है। अच्छे कार्यकर्ताओं की उपेक्षा के कारण बार-बार भाजपा यहा हारती आ रही है। चापलुस लोगो के कारण भाजपा जमीनी पकड नही बना पा रही है। यंहा भाजपा को चाहिए की ऐसा संगठन ओर मंडल अध्यक्ष बनाए जो ग्रामीणो के पास चंहुचे ओर अपने कार्यकर्ताओं में नई जान फूंके। वर्तमान में मंडल अध्यक्ष को लेकर हंगामा मचा हुआ है। बताया जाता है कि पुर्व विधायक निर्मला भूरिया और सांसद गुमानसिंह डामोर के बिच चल रही खीचतान में मंडल की कमान किसे सौंपी जाए वह तय नही हो पा रहा है। दोनो गुट के लोग इस रैस में अपने आपको आगे रखने में कोई कसर नही छोड रहे है।
वर्तमान मंडल अध्यक्ष अजमेरसिंग भूरिया के मंडल अध्यक्ष रहते हुए हर चुनाव में भाजपा को बडी हार का सामना करना पडा। अजमेरसिंग भूरिया कभी निर्मला तो कभी गुमानसिंह समर्थक रहे है। भाजपा से खफा रहकर विधानसभा चुनाव तक लड लिया। हार के बाद वापस भाजपा में वापसी कर ली। ये वापस से मंडल की कमान संभाल ने के लिए दौड भाग में लगे है। जानकारी अनुसार निर्मला भूरिया इनके नाम को आगे बडा रही है। लोकसभा चुनाव में भी पार्टी से खिलाफत के इन पर आरोप लगे थे। खुद भी जिला पंचायत का चुनाव हार चुके हैं
झकनावदा के अभय जैन जो कि निर्मला गुट के बताए जाते है वह भी मंडल अध्यक्ष के लिए आपनी ताल ठोख रहे है। पार्टी में अब तक इनके नाम कोई बडी उपलब्धि तो नही पर पार्टी के लिए कार्य कर रहे है। झकनावदा क्षेत्र के नेताओं के दम पर दावेदारी कर रहे हैं विधानसभा चुनाव में स्वयं का बुध भी भाजपा हारी थी यदि अजमेरसिंग भूरिया पर सहमती नही बनती है तो भूरिया गुट से इनका नाम सबसे आगे रहेगा। लोकसभा चुनाव में प्रत्याक्षी का समर्थन नही करने का आरोप इन पर भी लगा था।
राजेश काॅसवा जो कि गुमानसिंह डामोर के समर्थक बताए जाते है। इनका भी नाम मंडल अध्यक्ष की रेस में है। डामोर गुट की तरफ से कोई बनता है तो यह नाम सबसे आगे रह सकता है। पार्टी में ज्यादा अनुभव इनको नही है। ये पुर्ण रूप से केवल गुमानसिंह डामोर के कारण भाजपाई राजनीति में है। अगर ये मंडल अध्यक्ष बनते है तो गुटबाजी को बढावा मिलेगा। लोकसभा चुनाव में तो इन्हाने काफी मेहनत की परंतु विधानसभा चुनाव में इन्हाने अपना डेरा झाबुआ में डाल लिया था इनका बुध भी भाजपा विधानसभा चुनाव में हरी थी परंतु विगत 2 वर्षों से भाजपा को मजबूत करने के लिए क्षेत्र मे मेहनत करते हैं
डामोर गुट से एक ओर नाम सामने आ रहा है जो कि ओमप्रकाश राठोर है। जनाधार के मामले में अपने क्षेत्र के सबसे दमदार नेता के रूप जाने जाते है। अपनी धर्म पत्नी को जनपद सदस्य का चुनाव लडवाया ओर अच्छे मतो से जीत भी प्राप्त की। परंतु इनकी भी राजनीति गुमानसिंह डामोर के इर्द गिर्द की घुमती है। पार्टी कार्य करने का कोई खास तजुर्बा नही है। जनपद अध्यक्ष चुनाव में निर्मला भूरिया समर्थक खिलाफ अपने मत का प्रयोग किया था। विधानसभा चुनाव में भी पार्टी के खिलाफ कार्य करने का इन पर आरोप है।
जिस तरह प्रदेश संगठन ने जिले में नए जिलाध्यक्ष को चुना है कुछ इसी प्रकार रायपुरिया मंडल में जिलाध्यक्ष को नए मंडल अध्यक्ष को चुनना होगा वरना गर्त में जा रही भाजपा गर्त में ही जाती रहेगी।