सैनिकों को श्रद्धांजलि देकर चीन के राष्ट्रपति जिपिंग के पुतले फूंका

0

रितेश गुप्ता@थांदला

स्थानीय आजाद चोक पर नगर के पत्रकारों एवं नागरीकों द्वारा गलवान घाटी में हिंदुस्तान और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प में देश के वीर जांबाज सैनिक भाई वीरगति को प्राप्त हुए शहीद सैनिक भाईयो को श्रधांजलि देकर चीन द्वारा निर्मित वस्तुओं एवं चीन के राष्ट्रपति जिपींग का पुतला दहन किया गया। साथ ही संकल्प लिया गया की चिन निर्मीत वस्तुओं का उपयोग एवं खरिदी नहीं करेंगे संकल्प सभा मुख्य वक्ता ओम प्रकाश भट्ट ने कहा कि समाज किसी भी दशा में जाए, राजनीति अपनी करवट किसी भी तरफ ले, तुष्टिकरण की नीति क्या हो, यह अलग बात है मगर सच यह है कि ये सैनिक हैं, इसलिए सच यह है कि सैनिकों की ऊँगली ट्रिगर पर होती है, तभी हम खुली हवा में साँस ले रहे हैं। सच यह है कि वह हजारों फीट ऊपर ठण्ड में अपनी हड्डियाँ गलाता है, तभी हम बुद्धिजीवी होने का दंभ पाल पाते हैंय सच यह है कि वह सैनिक अपनी जान को दाँव पर लगाये बैठा होता है, तभी हम पूरी तरह जीवन का आनन्द उठा पाते हैंय सच यह है कि एक सैनिक अपने परिवार से दूर तन्मयता से अपना कर्तव्य निभाता है, तभी हम अपने परिवार के साथ खुशियाँ बाँट पाते हैं.। आइये संकल्पित हों, अपने देश के लिए, अपने तिरंगे के लिए और उससे भी आगे आकर अपने जाँबाज सैनिकों के लिये जय हिंद हिंदुस्तान जिंदाबाद । वरिष्ठ कांग्रेस नेता नगीन शाह ने कहा कि हमारे देश में जब भी दुश्मनों ने वार किया है तब तब सीमा में तैनात हमारे वीर सेना के जांबाजों ने वीर सिपाहियों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर हम देशवासियों की जान बचाई है। आज अगर हम देश के लोग रात में चैन की नींद सोते हैं तो सिर्फ अपने सैनिकों की वजह से जो हमारे लिए अपनी नींद और देश की रक्षा के लिए अपना खून बहाते हैं।अपने घर परिवार से दूर रहकर पूरे देश के परिवारों की रक्षा करते हैं। हर साल न जाने कितने जवान शहीद हो जाते हैं दुश्मनों की गोली जंग में खाकर। आंखों में आंसू भर आते हैं जब कोई मां अपने बेटे को खोती है। एक पत्नी अपने पति को हमेशा के लिए खोती है। एक बच्चा अपने पिता को हमेशा के लिए खो देता है। वह ताउम्र बस वीर सैनिक के पत्नी,बच्चे और मां के रूप में जीते हैं। ऐसे हैं वीर जवान जिन पर पूरा देश फक्र करता है। युवा उद्योगपति जितेंद्र घोड़ावत ने कहा कि वर्ष 62 का युद्ध भी हमने देखा है अगर उन वर्षो में ही चाहते तो नक्शे से नामो निशान मिटा देते किन्तु हिंदुस्तान विवाद नही शांति चाहता है वर्तमान में देश21 वी सदी से गुजर रहा है अब 62 नही 2020है।चीन अपनी हद में रहे।अक्षय भट्ट ने कहा किअपने जीवन को कुर्बान कर देने वाले, पल-प्रति-पल मौत के साये में बैठे रहने वाले, अपने घर-परिवार से दूर नितांत निर्जन में कर्तव्य निर्वहन करने वाले जाँबाज सैनिकों के लिए बस चंद शब्द, चंद वाक्य, चंद फूल, दो-चार मालाएँ, दो-चार दीप और फिर उनकी शहादत को विस्मृत कर देना, उन सैनिकों को विस्मृत कर देनाये क्या शहीद भाई का अपमान नही है।आज हम सभी ये कसम खाते है कि जीवन पर्यंत वीर सैनिक भाई की सहादत को अमित यादो की तरह संग्रहित कर युवा वर्ग को उनके पद चिन्हों पर चलने के लिये प्रेरित करना ही सच्ची श्रद्धा जली होंगी। संजय भाभर ने कहा कि ‘करीब 15 हजार फीट ऊंचाई पर स्थित गलवान घाटी के घटनास्थल पर सोमवार शाम 4 बजे से आधी रात तक करीब 8 घंटे हिंसा हुई। लोहे की राॅड से लैस चीनी सैनिकों ने साजिश रचकर भारतीय जवानों पर हमला बोल दिया।भारतीय सैनिक ऐसे किसी हमले के लिए तैयार नहीं थे।तब चीनी सैनिक पत्थर, लाठी और लोहे की राॅड से भारतीय सैनिक भाई पर हमला कर रहे थे। इसके कारण एक छोटे से रिज पर भगदड़ की नौबत आ गई। रात के अंधेरे में कई सैनिक रिज से गलवान नदी में गिर गए।इसी में हमारे 20 के करीब सैनिक भी वीरगति को प्राप्त हो गये। रुसमाल चरपोटा ने अपने उदबोधन में कहा कि यह मत सोचे की शरहद पर हमारे भाई या बेटे नहीं हैं मगर ऐसा ना सोचे सरहद पर जितने भी जवान हैं वह सब आपके भाई आपके बेटे हैं आइये हम सब मिलकर हर रोज उनके लिए पार्थना करे उनकी सलामती की दुआ मांगे क्यकि एक फौजी ही हमारा रक्षक हैं । कार्यकम में नगर के लोगो ने अमर षहीद आजाद की प्रतिमा पर दीप जला कर सीमा पर षहीद जवानों को श्रद्धा सुमन अर्पित किये । उपस्थीत जनों ने संकल्प लिया कि आज के बाद चीनी सामग्री का बहिष्कार करेगे। सभा संचालन पत्रकार राजेश वैद्य ने किया। संकल्प सभा का समापन राश्ट्रगान के साथ हुआ।

Leave A Reply

Your email address will not be published.