प्रवर्तकश्री जिनेंद्रनिजी ने 23 वर्ष बाद की वर्षावास थांदला में वर्षावास करने की घोषणा, समाजजनों में हर्ष

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रितेश गुप्ता, थांदला

आगम शास्त्र में यह उल्लेखित कि चारित्र आत्माएं वर्षावास की घोषणा द्रव, काल, क्षेत्र, भाव आदि का आगार रखते हुए ही वर्षावास स्थल की घोषणा करते हैं। किंतु यदि किसी विशेष परिस्थिति उत्पन्न हो जाने से, स्वास्थ्य की प्रतिकूलता या वृद्ध संयमी आत्मा को विहार की अनुकूलता न होना आदि कोई भी कारण निर्मित हो जाने पर चारित्र आत्माएं अपने घोषित वर्षावास स्थल को परिवर्तित कर सकते हैं। इसी तारतम्य में जिनशासन गौरव आचार्यश्री उमेशमुनिजी ‘अणु’ के प्रथम शिष्य, धर्मदास गणनायक प्रवर्तकश्री जिनेंद्रमुनिजी ने अपने घोषित वर्षावास स्थल उज्जैन को परिवर्तित कर थांदला में करने की घोषणा की। थांदला संघ के कर्मठ अध्यक्ष जितेंद्र घोड़ावत एवं सचिव प्रदीप गादिया आदि प्रतिनिधियों ने बदनावर पहुंचकर गुरुदेव के दर्शन, वंदन कर आगामी वर्षावास थांदला में करने की पूरजोर विनंती की। इनके अलावा धार, बदनावर एवं खाचरौद श्रीसंघ ने भी वर्षावास हेतु विनती की थी। वहीं नमकमंडी उज्जैन श्रीसंघ के महामंत्री महेंद्र सेठिया के नेतृत्व में भी प्रतिनिधि मंडल बदनावर पहुंचा एवं दर्शन आदि का लाभ लेकर सुखसाता पृच्छा की। इस अवसर 2020 के वर्षावास को लेकर सौहार्द्रपूर्ण चर्चा की गई एवं गुरुदेव की संघ पर सदैव कृपा बनी रहे, ऐसे भावों को व्यक्त करते हुए अविनय अशातना हेतु क्षमायाचना भी की। प्रवर्तकदेव ने गत 12 मार्च को कल्याणपुरा में होली चातुर्मास प्रसंग पर आगम में उल्लेखित सभी आगार रखते हुए अपना आगामी 2020 का वर्षावास उज्जैन घोषित किया था। किंतु “कोरोना महामारी” एवं उज्जैन शहर की वर्तमान परिस्थिति के दृष्टिगत प्रवर्तकदेव ने आगामी वर्षावास उज्जैन को परिवर्तित कर समस्त आगारों सहित धर्मनगरी थांदला करने की घोषणा की। वहीं महासती पूज्याश्री निखिलशीलाजी म. सा. आदि ठाणा-4 का भी थांदला वर्षावास करने की घोषणा की। यह खबर देशभर में पलक झपकते ही हवा की भांति फैल गई। इस घोषणा से थांदला एवं क्षेत्र के श्रीसंघों में खुशी की लहर छा गई और प्रवर्तकदेव के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए उज्जैन श्रीसंघ के समर्पण भाव के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। वहीं उज्जैन संघ के प्रतिनिधि मंडल की गुरुभक्ति, सहृदयता, सरलता, विनम्रता की सभी ने सराहना की। इस अवसर पर श्रीधर्मदास गण परिषद के ऊर्जावान राष्ट्रीय अध्यक्ष शांतिलाल भंडारी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष चंद्रप्रकाश बोकड़िया, संगठन मंत्री भरत भंसाली, अखिल भारतीय श्री धर्मदास स्थानकवासी जैन युवा संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण विन्यायक्या, श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ बदनावर के अध्यक्ष अशोक संघवी आदि भी विशेष रूप से उपस्थित थे।

चतुर्विध संघ के वर्षावास का लाभ

वैसे होली चातुर्मास (फाल्गुनी चौमासी) प्रसंग पर अधिकांश वर्षावासों की घोषणा हो जाती हैं। किंतु उज्जैन की प्रतिकूल स्थिति के चलते थांदला संघ का भाग्य खुल गया और प्रवर्तकश्रीजी का वर्षावास मिल गया। इसके चलते संघ को प्रवर्तकश्री जिनेंद्रमुनिजी आदि ठाणा एवं महासती पूज्याश्री निखिलशीलाजी आदि ठाणा-4 सहित चतुर्विध संघ का वर्षावास मिला हैं। इससे स्थानीय संघ ही नहीं वरन समूचे क्षेत्र के श्रीसंघों में अतिउत्साह छलक उठा हैं। संघ का प्रत्येक सदस्य वर्षावास की तैयारी में मुस्तैदी से जुट गया। इस वर्षावास को ऐतिहासिक वर्षावास बनाने का लक्ष्य प्रत्येक सदस्य ने बना लिया हैं।

23 वर्ष बाद मिला चातुर्मास

गौरतलब हैं कि वर्ष 1997 में आचार्यश्री उमेशमुनिजी ‘अणु’ के साथ प्रवर्तकश्री का वर्षावास हुआ था। 23 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद दूसरी मर्तबा एवं प्रवर्तक पद से सुशोभित होने के बाद पहली बार संघ को आपका वर्षावास बड़े ही सौभाग्य एवं पुण्यवानी से मिला हैं। इससे संघ का उत्साह देखते ही बनता हैं। आराधकों ने वर्षावास के दौरान तपाराधना, धर्म, ध्यान करने व ज्ञान आदि सीखने का मन अभी से तैयार कर लिया हैं।

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