MP कांग्रेस ने बस का जो वीडियो वायरल किया था वो निकला यहां का; देखिये झाबुआ Live की EXCLUSIVE पड़ताल …

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झाबुआ Live Desk
कल दोपहर में मप्र कांग्रेस ने एक ट्वीट किया था और ट्विटर सहित सोशल अकाउंट पर एक वीडियो अपलोड किया था, जिसमे कांग्रेस का आरोप था कि मौजूदा बीजेपी सरकार दावा कर रही है कि जो गवर्नमेंट के राहत केम्प में प्रवासी मजदूरों को भोजन देकर सरकारी खर्च देकर बसों में बैठाया जा रहा है, लेकिन इस दावे को झुठलाकर आरोप लगाया था कि यह देखिये मजदूरों से पैसे वसूलकर उन्हें अपने गांव शहर तक छोड़ा जा रहा है। वीडियो में यह दिखाई दे रहा है कि इंदौर से सागर का 2 से 2 हजार 200 व 2 हजार 500 रुपये किराया वसूला जा रहा हैं। इस आरोप के बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई थी और कल देर शाम को झाबुआ Live ने इस वायरल वीडियो की पड़ताल शुरू की और सबसे पहले हमारी टीम पिटोल स्थित इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट पर पहुंची, जहां राहत केम्प में रजिस्टर थे जो बसों का रिकॉर्ड मेंटेन करते है, वह सभी खंगाले। मोके पर हमारी टीम को एसडीएम अभय खराड़ी ने भी रजिस्टर को खंगालने में हमारी मदद की, लेकिन कहीं भी हमे जो बस (एमपी 41 पी 0075) थी बालाजी ट्रेवल के नाम से वह कहीं भी रिकार्ड नही पाई गई। वायरल वीडियो में वह बस खचाखच भरी हुई है, जिसमे कुछ लोग दावा कर रहे है कि उनसे अवैध रूप से पैसा लिया गया है। कुछ लोग सागर से तो 2 लडकिया झाबुआ से बैठने का उसमे दावा कर रही है, लेकिन कंट्रोल रूम के सीसीटीवी कैमरों में झाबुआ Live की टीम पहुंची, जहां एसडीएम खराड़ी के साथ सारे रिकॉर्ड खंगाले लेकिन कहीं भी यह दिखाई नही दी।
यह जो दावा कांग्रेस का था इसे हमने हमारी पड़ताल में यहां रिकॉर्ड का नही पाया गया और आरटीओ देवास जया वसावा ने एक एफआईआर दर्ज करवाई जिसमे यही बस है। एफआईआर में लिखा गया है कि बस का परमिट इंदौर से बड़वानी का था, लेकिन यह ब पीथमपुर धार से सागर के लिए निकली थी ओर उसके चालक-परिचालक ने यह अवैध वसूली की है उसके आपरेटर ओर चालक-परिचालक के खिलाफ 1860 भादवी की धारा 188, 269,270 और 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर उसका परमिट निरस्त करने की कार्यवाही की गई। तो कुलमिलाकर कांग्रेस का जो दावा था कि शासन के राहत कैम्प से यह बस चली है वह गलत पाया गया। यह बस निजी स्तर पर चलाई जा रही थी।

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