मुकद्दस रमजान: रमजान का दूसरा अशरा शुरू, इबादत कर मगफिरत की करेंगे दुआ ..

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सलमान शैख़@ झाबुआ Live
मुकद्दस रमजान का दूसरा अशरा आज से शुरू हो गया है। दूसरे अशरे को मगफिरत का अशरा कहा जाता है। इस अशरे में रोजेदार रोजे रखकर अल्लाह से मगफिरत की दुआ मांगते हैं।
इस्लाम के मुताबिक रमजान के महीने को दस-दस दिन के तीन अशरों (भागों) में बांटा गया है। पहले दस दिन रहमत का अशरा होता है। सोमवार को दस रोजे पूरे होने पर रमजान का पहला अशरा पूरा हो गया है। आज मंगलवार से रमजान का दूसरा अशरा अर्थात मगफिरत का अशरा शुरू हो गया है। दूसरा अशरा रमजान के बीसवें रोजे के सूरज डूबने तक रहेगा। दूसरे अशरे में रोजेदार रोजे रखकर अल्लाह से मगफिरत की दुआ करते हैं। इस दौरान अल्लाह से अपने गुनाहों की तौबा की जाती है।
इमाम अब्दुल खालिक साहब ने बताया कि रमजान का हर दिन बड़ा ही कीमती होता है। रमजान का चांद दिखते ही शैतान को कैद कर दिया जाता है। इस पाक महीन में सवाब का दर्जा सत्तर गुना अधिक हो जाता है। यानी की हर नेक काम करने पर सत्तर का सवाब मिलता है। मंगलवार से रमजान का दूसरा अशरा शुरू हो गया है। इस अशरे में अल्लाह से मगफिरत की दुआ करना चाहिए।
आखिरी रोजे होंगे सबसे लंबे-
रमजान का पहला रोजा साढ़े चौदह घंटा का था लेकिन सेहरी में घटते वक्त व इफ्तार में लगातार वक्त का इजाफा होने के कारण रोजे का वक्त भी बढ़ गया है। जिसके चलते रमजान के आखिरी रोजे पंद्रह घंटे तक जाएंगे।

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