बेरोजगारों से परेशान यूपी के युवक सूरत से निकले पैदल;  7 दिनों से पैदल चलने के कारण पांव में पड़े छाले

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 मयंक विश्वकर्मा@आम्बुआ

कोरोना महामारी के कारण लगे लॉक डाउन से बेरोजगार होकर भूखे मरने की स्थिति में पहुंच रहे विभिन्न प्रांतों के मजदूर अब घरों की ओर पलायन को मजबूर हो रहे हैं। साधन की व्यवस्था नहीं होने के कारण भूखे प्यासे कड़ी धूप में पैदल जा रहे हैं। ऐसे ही कुछ युवक आज आम्बुआ होकर गुजरे यू.पी (बांदा) के रहने वाले इन युवकों को आम्बुआ-बोरझाड़ में चाय नाश्ता कराया गया यहां से वे इंदौर के लिए पैदल निकल गए हैं। भीषण गर्मी तथा 7 दिनों से लगातार चलने के कारण इनके पैरों में छाले पड़ गए हैं। इसकी बेबसी और परेशानी शासन प्रशासन की व्यवस्था के हालात बयान करने के लिए काफी है।

हमारे संवाददाता के अनुसार यू.पी (बांदा) के लगभग 20-22 नौजवान रविवार को पैदल चलते हुए आम्बुआ आए जहां पर पूछने पर उन्होंने बताया कि वह 27 अप्रैल को सूरत से निकले थे वहां पर काम बंद हो जाने के कारण बेरोजगार होकर भूखे मरने की नौबत आ रही थी जो खाना (खिचड़ी) आदि उन्हें दिया जा रहा था। वह अपर्याप्त था साथ ही रोजगार नहीं होने से आर्थिक परेशानियां भी आ रही है 7 दिनों तक पैदल चलने के कारण उनके पांव में छाले पड़ गए हैं अभी कितने दिनों तक पैदल चलना पड़ सकता है कहा नहीं जा सकता आम्बुआ- बोरझाड़ में स्थानीय पत्रकार संघ के सदस्यों तथा नागरिकों प्रजापत समाज ने उन्हें चाय नाश्ता की व्यवस्था की यहां से वे इंदौर के लिए रवाना हो गए पैदल चल रहे युवकों की हालत देखकर शासन-प्रशासन के यह दावे कि जो जहां है वहां व्यवस्था होगी कि कलई खुलती नजर आ रही है आम्बुआ से जोबट के समाजसेवियों को सूचना दी जाकर जोबट में व्यवस्था का अनुरोध किया गया है जहां पर उनकी व्यवस्था की जा रही है।

 

 

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