गुजरात से मजदूरों का आना हुआ कम बस ऑपरेटर-ड्राइवर कर्मचारी हो रहे हैं परेशान

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भूपेन्द्र सिंह नायक, पिटोल

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण लॉक डाउन के अंतर्गत एक माह से ऊपर गुजरात में फंसे मजदूरों को गुजरात सरकार मध्यप्रदेश सरकार के आपसी वार्तालाप कर पलायन पर गए गुजरात के मजदूरों को वापस लाने की दोनों सरकारों द्वारा गुजरात राज्य से मध्य प्रदेश की बॉर्डर तक मजदूरों को छोड़ा जाएगा। इस कड़ी में परसु रात्रि से अभी तक कुल 2500 मजदूरों का गुजरात की बसों द्वारा एवं पैदल मध्य प्रदेश की पिटोल बॉर्डर पहुंचे मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण कराकर उन्हें भोजन कराकर उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा रहा है। अभी गुजरात से आने वाले मजदूरों में ज्यादातर लोग उत्तर प्रदेश के हैं और हमारे प्रदेश के भिंड, सागर, मुरैना, दमोह एवं अन्य जिलों के लोग भी आ रहे हैं। यह वह मजदूर है जिन्हें गुजरात को रंट टाइम सेंटर में 14 दिनों तक रखा गया इन मजदूरों की व्यवस्था में झाबुआ कलेक्टर प्रबल सिपाहा झाबुआ पुलिस अधीक्षक विनीत जैन सहित समस्त विभाग के आला अफसर एवं समस्त कर्मचारी लगे हुए हैं आज शाम 5 बजे तक कूल 2500 मजदूरों का पिटोल बॉर्डर बॉर्डर तक आना हुआ।

सरकार का आभार माना मजदूरों ने
एक माह से लॉक डाउन में फंसे गुजरात में मजदूरों ने मध्य प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान का आभार माना कि उन्होंने इस संकट के समय में हमारे परिवार से मिलने में सहायता की मजदूर भावुक हो कर रोने लगे। क्योंकि गुजरात में उन्हें खाने रहने की काफी परेशानी हो रही थी जिसके चलते सैकड़ों किलोमीटर तक पैदल चलकर अपने घरकी ओर चलने लगे परंतु जैसे ही मध्यप्रदेश बॉर्डर पर आते उन्हें वापस गुजरात भेज दिया जाता इसी पीड़ा बताई परंतु परसों रात्रि से जब अपने घर जाने के लिए उन्हें उनके जिलों की बसों में बिठा गया तो उनकी खुशियों का ठिकाना नहीं रहा और भगवान के साथ सरकार का भी आभार माना गुजरात के अलावा अन्य राज्यों में जैसे महाराष्ट्र राजस्थान तेलंगाना आदि जगहों के फंसे हुए मजदूरों को वापस लाने की विलोम आस लगाए बैठे हैं कि सरकार हमें भी हमारे घर तक पहुंचाएगी।
मजदूरों के आने की संख्या में कमी होने के कारण ड्राइवर एवं अन्य जिलों के कर्मचारी हो रहे हैं परेशान
जिस प्रकार यह वातावरण बना था कि दो या 3 दिन में हजारों की संख्या में पिटोल बॉर्डर तक मजदूर आएंगे। उसी के चलते सरकार एवं जिला प्रशासन ने बड़ी मुस्तैदी से व्यवस्थाएं बनाना चालू की जिसमें हमारे जिले से करीब 125 बसों की व्यवस्था की एवं तूफान वाहनों की व्यवस्था की परंतु जो मजदूर अभी तक आए थे उनको तो उनके गंतव्य तक पहुंचा दिया गया। परंतु देवास शाजापुर सीधी दमोह आदि जिलों की बसें भी विगत 2 दिनों से पिटोल बॉर्डर एवं पिटोल के नवीन कन्या परिसर में खड़ी है। सूत्रों की माने तो बसों के साथ पुलिस विभाग राजस्व विभाग एवं अन्य विभाग के कर्मचारी भी अन्य जिलों से पिटोल में आए हुए हैं। उनका कहना है कि 2 दिन से हम लोग यहां पड़े हैं और मज दूर नहीं आ रहे हैं। हम भी परेशान हो रहे हमारे परिवार वाले भी चिंतित हो रहे हैं एवं दबे हुए स्वर में बता रहे हैं कि हमें यहां एक एक टैंकर पानी खड़ा कर दिया है उसी पानी को पीना है उसी में नहाना है और सब व्यवस्था है बनाना है सरकार यह प्रयास करें कि जल्दी से जल्दी गुजरात से मजदूरों का पिटोल बॉर्डर तक आना हो जाए और हम कर्मचारी एवं ड्राइवर और बस आपरेटर अपने घरों पर पहुंचे क्योंकि उन्होंने यह पीड़ा को बताया कि हमारे परिवार वाले चिंतित हैं कि गुजरात में करो ना वायरस की बीमारी है।

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