आखातीज़ के अवसर पर Covid-19 से हम अभी अछूते है कारण यह है विशेष :- संजय कलसिंह भाबर

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रितेश गुप्ता, थांदला

जनजातीय क्षेत्रों में हम सुरक्षित इसलिए भी है जहां हमारे परिवार 45° के तापमान पर भी काम करते है और करने की वजह है – सभी का खान-पान यह तो आप जानते ही है की हमारा देश कृषिप्रधान है जिसका % हमे अपने इलाके के ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिलता है, एक तो गांव में कभी भी फ्रीज़ में रखी वस्तुओ का उपयोग नहीं किया जाता जो की ताजा होने में मददगार है दूसरा ग्रामीण क्षेत्र में ऐसी और भी सब्जिया है जो सिज्जनल होती है जैसे कड़वा डोडी का मोर, गुंदी का मोर, कांदी कोला, करेला, केसरिया कददू, लोकि, केरी ना कोसला, बालोर, किकोड़े (कटले ), व और भी सब्जिया जिनमें रोगप्रतिरोधक गुण होते है ये ज्यादतर वे सब्जिया नहीं जिन्हे किसी खेत में लगा कर कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करने की आवश्य्कता होती हो ये स्वतः ही घर की वागर या वाड़ी में अपनी लताओं या पलास के पेड़ पर, पहाड़ो में या अनचाही जगह पर उपलब्ध होती है जिसमे से कुछ में कड़वापन होता है जो स्वस्थ रहने में मदद करते है दूसरा यह की हर सब्जी में ग्रामीण क्षेत्र में लहसुन और लाल सुखी मिर्च का उपयोग भी शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है l ग्रामीण क्षेत्र में इम्म्यून सिस्टम का सबसे सरल उदाहरण यदि किसी को शरीर के किसी भाग में लग जाये तो वहा रक्त का स्राव तुरंत बंद हो जाता है और ना किसी दवाई की जरुरत होती है वह गोबरा नामक औषधि को लगा कर भी ठीक हो जाता है l साथ ही सबसे फायदेमंद ख़ास कर आलीराजपुर के क्षेत्रों में मवेशियों के दूध की कमी के कारण दूध वाली चाय के बजाय वहा काली चाय बनाई जाती है जो की एक काढ़े के रूप में है जो की स्वास्थ में एसिडिटी को दूर रख लाभप्रद होती है l और एक बड़ी बात यह भी है की जहां फलों में विशेष केमिकल पाउडर द्वारा पकाया जाता है जो नुकसान दायक भी है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में प्राकृतिक रूप से पके हुए फल मिलते है चाहे वो पपीता हो कबीट (बिल्ले ), टिमरू, रायणा, महुआ, डोरा (जिसका तेल तो संजीवनी है ), आम (पराल की पाल में पकते ), गुंदी, बोरा ना घुट्टा, बेर, कढ़ी (दाल – सब्जी बनाने में भी काम आती ), आदि ऐसी चीज़े है जो इम्यून सिस्टम को मजबूती प्रदान करती है l साथ ही घरो का ताजा दूध, दही, घी, छाछ, बकरी का दूध और जिन घरो में गाय है वहा उन्हें वैज्ञानिक लाभ भी मिलता है l
ऐसी और भी बहुत बाते है जो हमारे रोग प्रतिरोधक तंत्र को मजबूत बनाते है जिसका लाभ अभी हमारे क्षेत्रों में मिल रहा है लेकिन यह कोई 10-15 दिन में फायदा मिले ऐसी चीज़े नहीं है यह लम्बे समय में विकसित होती है l इन सभी की तुलना में अन्य जगह, परिवारों, शहरों में इस गुणवत्ता का होना थोड़ा मुश्किल है जो हमें अभी तक बचाये हुए है l

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