सोशल डिस्टेसिंग का पालन कर त्यागी व्रती का निकाला डोला , कई वर्षों से साधुओं की तरह जीवन व्यापन कर रहे थे

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मयंक गोयल, राणापुर

लॉकडाउन के बीच राणापुर लोगो दुःखद खबर मंगलवार को सुबह सुबह जब पता चला नगर के दि. जैन समाज की वरिष्ठ त्यागी व्रती गुणमाला कल्याणमल पंचोली का अरिहंत शरण हो गया है। पूरा शोक में डूब गया। वही परिवारजनों द्वारा तुरंत ही सोशल मीडिया पर एक मैसेज दिया नगर एवं सभी रिश्तेदारों के आग्रह covid 19 के चलते सभी अपने घरों से शोक संवेदना व्यक्त करे। त्यागिवृति गुणमाला जी कई वर्षों से साधुओं की तरह अपना जीवन व्यापन कर रहे थे। वह सात प्रतिमाधारी थे। अपना पूरा समय धर्म मे लगाते थे। घर के रहकर भी सांसारिक जीवन से परे थे। सांसारिक मोहमाया से दूर केवल एक श्वेत वस्त्र धारण करते थे वही दि. जैन साधुओं की तरह शोध का भोजन लेते थे। प्रतिदिन सुबह जल्दी मंदिर जाकर भगवान की आरधना करना ही एक जीवन लक्ष्य था। सोमवार रात्रि को अचानक जैन धर्म के महामंत्र णमोकार मंत्र बोलते बोलते अचानक हदय गति रुकने से उनका निधन हो गया। वही केवल परिवार जनों के द्वारा शोसल डिस्टेसिंग का ध्यान रखते हुए उनका डोल निकाला गया जो नगर मुख्य मार्गो से होकर हरि उद्यान मुक्तिधाम अंतिमसंस्कार किया गया।

एक हजार से ज्यादा निर्जल उपवास किये

दिगंबर जैन समाज राणापुर की वरिष्ठ एवं विदुषी  श्राविका गुणमाला देवी  उन्होंने अपने जीवन काल में हमेशा धर्म के पथ पर चलते हुए पूरे परिवार को संस्कारित रखा। आपने अपने त्याग मई इस जीवन में पूज्य आचार्य श्री पुण्य सागर जी महाराज जी के सानिध्य में आचार्य सुनील सागर जी महाराज जी से सन 2014 सात प्रतिमा का व्रत धारण किया था। तथा आपने अपने जीवन में अनेकों व्रत उपवास और तपस्या आराधना एवं विधान  का आयोजन किया। आपने लगभग 1000 से ज्यादा अपने जीवन काल में निर्जल उपवास किए;और नित्य प्रति जिनेंद्र दर्शन जिनेंद्र अभिषेक को देखने के साथ ही प्रतिदिन  एकासन के साथ रहते हुए पांच टाइम की सामायिक प्रतिक्रमण करते थे। आपका जीवन ना केवल त्यागमय रहा बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणादाई भी रहा।

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