झाबुआ live डेस्क
पिछले दिनों झाबुआ अलीराजपुर सहित प्रदेश के सभी जिलों में जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र व सरकारी कार्यालयों में कोरोना वायरस से बचने हेतु सैनिटाइजर टनल लगाई गई थी , परंतु संचनालय स्वास्थ्य विभाग के इस पत्र के बाद इस पर सवालिया निशान लग चुका है। दरअसल इस पत्र में इसके नुकसान के बारे बताया गया है जो इस पर कई प्रश्न खड़े करता है ।
*सोडियम हाइड्रोक्लोराइड का प्रयोग है खतरनाक*
स्वास्थय विभाग के पत्र के मुताबिक इसमें इस्तेमाल होने वाला सोडियम हाइड्रोक्लोराइड रसायन मानव शरीर के लिए नुकसानदायक है , यह मानव अंगों व कपड़ों का विसंक्रमण सही के नहीं करती है साथ ही साथ हाथ व आंख में जलन, गले में खराबी,स्किन एलर्जी,उल्टी व फेफड़ों को भी नुकसान पहुंचा सकती है । इसके साथ ही यह उपयोगकर्ता को सुरक्षा के भ्रम में रखता है जिससे वह हाथ धोने व सोशल डिस्टेंस से दूर करता है ओर झूठी सुरक्षा का आश्वासन देता है जो की हानिकारक हो सकता है । पिछले दिनों एम्स में टनल का प्रयोग बंद कर दिया गया। इसके अलावा पंजाब, हरियाणा, चेन्नई में भी टनल का प्रयोग पर प्रतिबंध लगा हुआ है।
*बिना जांच के प्रयोग क्यों*
अब सवाल यह उठता है कि जब यह कोरोना वायरस से कोई सुरक्षा प्रदान नहीं करता ओर शरीर को कई गंभीर नुकसान पहुंचाता है तो इसे किस आधार पर प्रदेश के लगभग हर जिले में लगाया गया है व सबसे बड़ी बात कि जनप्रतिनिधि किस आधार पर जोर शोर से इसका प्रचार कर लोकार्पण कर रहे है ? क्या यह प्रदेश स्तर पर एक बड़े घोटाले की ओर संकेत करता है ? क्या अब वरिष्ठ अधिकारी व जनप्रतिनिधि इसकी जिम्मेदारी लेंगे ?
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