ग्राम बोरी के 10 युवाओं ने कोरोनावायरस से अपने ग्राम वासियों को बचाने के लिए अपनी सूझबूझ और हुनर से एक सेनेटाइजिंग मशीन बनाई है। इन युवाओं ने यह मशीन बनाकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बोरी को एसडीएम किरण आंजना एवं नायब तहसीलदार वंदना किराडे की उपस्थिति में डॉ अमित दलाल को नि:शुल्क भेंट की। इस दौरान एसडीएम किरण आंजना ने बोरी ग्राम वासियों से लॉकडाउन एवं अलीराजपुर जिले में लगे कफ्र्यू के नियमों का पालन करने की अपील करते हुए कहा कि कोरोना से बचने के लिए अपने घर में ही सुरक्षित रहे एवं हॉस्पिटल में आने वाले मरीजों के लिए यह मशीन बहुत उपयोगी साबित होगी। इस अवसर पर उपस्थित नायब तहसीलदार वंदना किराडे ने इस प्रतिनिधि से बताया कि बोरी जैसे छोटे से ग्राम में इस तरह की मशीन बना कर देने वाले युवाओं की जमकर तारीफ कर इसे सराहनीय कदम है एवं कोरोना से लडऩे के लिये यह क्षेत्रवासियों के लिए यह बहुत उपयोगी साबित होगी।
यह मशीन की उपयोगिता- इस मशीन की खास बात यह है कि लॉक डाउन की स्थिति के चलते अपने पास उपलब्ध संसाधनों से ही पूरी मशीन का निर्माण किया गया। मशीन को पूरी तरह ऑटोमेटिक बनाया गया है जो व्यक्ति के अंदर जाते ही अपने आप स्प्रे पंप चालू हो जाते हैं एवं बाहर निकलते ही पंप बंद हो जाता है। मशीन बनाने वाले निजामी ग्रुप के मोहसिन खान एवं दानिश खान के अनुसार इस मशीन को बनाने में लगभग 15000 का खर्च हुआ। निजामी ग्रुप के युवक इरफान एवं शाहनवाज ने बताया कि इस मशीन का फ्रेम इंगल से बनाया गया है जिसकी वजह से यह मजबूती में बेमिसाल है। इसी ग्रुप के खालिक खान ने बताया की स्प्रे नॉजल में सेनेटाइजर पहुंचाने के लिए खेतों में दवाई छिड़काव में लगने वाले डीसी पंप का इस्तेमाल किया गया है। वहीं ए सी करंट को डीसी में बदलने के लिए बीच में लैपटॉप चार्ज करने का चार्जर लगाया गया एवं दो नॉजल के लिए एक पंप लगाया गया है। फ्रेम के अंदर चारों ओर लाइटिंग लगा देने से मशीन की सुंदरता में चार चांद लग गए। मशीन को बनाने की प्रेरणा देने वाले अशफाक दीतावत के अनुसार इसे ढंकने के लिए प्लास्टिक चद्दर का इस्तेमाल किया गया है। सदर बाजार मित्र मंडल बोरी एवं सरपंच ग्राम पंचायत बोरी द्वारा निजामी ग्रुप खालिक, इरफान, अब्दुल, मोहसिन, जफर, शाहनवाज, अहमद, शाहिद, अयान, दानिश जैसे होनहार युवाओं को इस कार्य पुनीत कार्य करने के लिए धन्यवाद देकर इसे प्रेरणा के तौर पर लेने की बात ग्रामवासियों ने कहीं।
)