थाना प्रांगण में निकलते थे नाग, जानकारों की सलाह पर नाग मंदिर बनवाया, मूर्ति स्थापना कार्यक्रम का शुभारंभ

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मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ

 आम्बुआ कस्बे से बाहर आम्बुआ अलीराजपुर मार्ग पर वर्ष 1995 में थाना भवन बना था । इसके बाद वहां पर कुछ वर्षों बाद पुलिसकर्मियों के लिए आवास भवन भी बने तब से वहां पर आसपास नाग नागिन के जोड़े या एक दो अन्य जहरीले सांप निकलते रहे वर्तमान थाना प्रभारी विकाश कपीश ने किसी जानकार पंडित से सलाह ली तो उन्होंने नाग मूर्ति की स्थापना की सलाह दी , जिस पर थाना प्रांगण में एक छोटा सा मंदिर बनाया जाकर नागमूर्ति तथा शिव परिवार एवं नंदी तथा अति प्राचीन पीतल के नाग की भी प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है जिसका विधिवत तीन दिवसीय कार्यक्रम 19 फरवरी से विशाल चल समारोह के साथ शुभारंभ किया गया है , 21 फरवरी को मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की जाना है ।
हमारे संवाददाता को थाना प्रभारी विकास कपीस ने एक अनौपचारिक बातचीत में बताया कि थाना प्रांगण में वर्षों से नाग नागिन के जोड़े तथा अन्य प्रजाति के जहरीले सांप निकलते रहे हैं। विगत वर्ष उन्होंने यहां का कार्य संभाला तब भी यह क्रम जारी रहा कई सर्पो को पकड़ने वालों से पकड़ा कर दूर जंगलों में छुड़वाया गया।  मगर फिर भी निकलने का क्रम जारी रहा इसी समस्या को लेकर पूरा पुलिस परिवार तथा आसपास रहने वाले चिंतित रहते थे। विकास कपीस ने एक पंडित तथा ज्योतिषी राकेश चौबे जोबट से जब चर्चा की तो उन्होंने इस क्षेत्र में नागों के निवास होने की जानकारी दी ।उन्होंने बताया कि थाना भवन निवास स्थान तथा आसपास अन्य बस्तियां बस जाने के कारण नागों के रहने के स्थान समाप्त होते जा रहे । समस्या का समाधान के बारे में चौबे ने बताया कि थाना क्षेत्र में किसी पीपल के पेड़ के नीचे एक नाग मंदिर का निर्माण कराया जाकर नाग मूर्ति स्थापित करने से समस्या हल हो सकती है। स्मरण रहे कि थाने में वर्षों पुरानी एक पीतल के नाग की आकृति रखी हुई है किसने और कब तथा कहां से लाकर रखी पता नहीं है। कई बार भिक्षावृत्ति करने वाले साधु संतों ने भी इस पीतल के नाग की स्थापना करने की सलाह दी थी । इसी कारण आम्बुआ थाना प्रांगण में पीपल के पेड़ के नीचे एक छोटा सा किन्तु अति सुंदर मंदिर का निर्माण भूमि मालिक किसान राजेंद्र सेकड़िया द्वारा सहमती उनकी जमीन पर दी गयी । पुलिसकर्मियों तथा जन सहयोग से निर्मित मंदिर किया गया , जिसमें नाग मूर्ति ,पीतल का नाग पूरा शिव परिवार, नंदी की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का शुभारंभ 19 फरवरी को कलश यात्रा तथा मूर्तियों के चल समारोह के साथ किया गया जिसमें सैकड़ों की संख्या में महिला पुरुषों ने भाग लिया प्राण प्रतिष्ठा 21 फरवरी शिवरात्रि के पावन पर्व पर किया जाना है ।

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