शेरे आर्य भूमि बोले- सूर्य अपनी तेजी से जल स्त्रोत सूखा देता है, लेकिन मजदूरों का पसीना नहीं सूखा सकता, इसी तरह इमानदारी से कमाया रुपया चोर के हाथ नहीं लग सकता
राहुल राठौड़, जामली
श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन भी विशाल जनसैलाब रहा पंडित कमल किशोर जी नागर ने अपने मुख से प्रवचन देते हुए कहा कि सूर्य नारायण भगवान अपने तेज से सभी कुएं, बावड़ी, तालाब सुखा देते हैं लेकिन मेहनत का पसीना वह नहीं सूखा सकते जब कोई मजदूरी करता है उसके शरीर से पसीना टपकता है तो वह नहीं सुखता। इमानदारी से व मेहनत से कमाया हुआ धन को चोर भी हाथ नहीं लगाते हैं कभी भी बड़े बनकर नहीं रहना चाहिए गरीब बन कर रहना चाहिए जो प्रेम गरीब में बसता है वह बड़े में नहीं बसता है जब जब तुम माला जपोगे भजन करोगे तब तब प्रभु को हिचकी तुम्हारी आएगी मेरा शब्द बहुत बड़ी बीमारी है। मेरे शब्द को खत्म करना पड़ेगा तुम्हें तो सब आपका है प्रभु भगवान से भी बड़ी कथा है जहां पर भी आप कथा हो रही हो वहां पर जाकर सुनना चाहिए भगवान उसी से खुश हो जाता है बड़ी दूर दूर से श्रद्धालु आ रहे हैं पार्किंग व्यवस्था रात्रि में बाहर से आए हुए। श्रद्धालुओं को भोजन की व्यवस्था समिति के सदस्य जी तोड़ कार्य कर रहे हैं। रात्रि में भगवत कथा पंडाल में भजनों का दौर भी चल रहा है। पूरा क्षेत्र धर्म बेला में हो गया है कल आखरी दिन रहेगा और अधिक श्रद्धालुओं की आने की संभावना बढ़ गई है सभी श्रद्धालु भजनों पर थिरकते नजर आ रहे हैं कभी-कभी तो प्रवचन सुनकर उनकी आंखें भी भावभीन हो जाती है।
कथा के छटवे दिन उमडा जनसैलाब
।ग्राम जामली मे सप्त दिवसीय भागवत कथा का आयोजन गौभक्त संत श्री पं कमलकिशोर जी नागर के मुखारबिंद से हो रहा है।रोज हजारो की संख्या मे ग्रामीण पहुंच रहे है।कथा के छटवे दिन भी हजारो की संख्या मे श्रध्दालु भागवत रस पान करने पहुंचे। कथा के छटने दिन पं कमलकिशोर जी नागर ने भागवत प्रवचन मे कहा की भक्ति करो तो मन से करो जैसे गोपियां जिनके रोम रोम मे श्याम और हनुमान के रोम रोम मे राम है।दान से पाप नष्ट होता है।पाप,आग और सांप से हमेशा दुर ही निकलना।इसके बाद “सुमिरन क्यो नी करे क्यो रे मन सुमिरन क्यो नी करे” भजन पर भक्त भावविभोर हो गए।जब तुम अपने कपडे को कुटते है तो तुम्हारे पापाचार के बदले मे कुटने वाला भी है।अगर आपकी सोबत नेक मे रखना,अपनी उठक बैठक गुणीजनो से रखना।साधु की संगत मे रहकर जब पिंजरे का तोता राम राम बोलता है।ज्यादा पढ लिख गए तो आजकल संस्कार भुल रहे है।”नमन बडी है जगत मे नी नमे सो नीच”।पढाया लिखाया पर नमन करना नही सिखाया।पैर पढने के तरीको पर भी संतश्री ने कहा कि आजकल कमर पर पैर पढते है जबकि नमन करने का तरीका तो माथा टिकाना पडता है।कभी माथा टिकाना मत भुलना।जब एक बच्चा जन्म लेता तो अपना माथा सबसे पहले धरती पर टिकाता है।यु बडा धंधा करो,बडी गाडी लाओ पर बडे मत बनना,बडे बोल भी मत बोलना।”बडे नही छोटे रहो,बडी बुरी बडप्पन बात,छोटी बछिया दुध पिये और बडी खावे घास”।किसी बडो को देख के मन खराब मत करना,भगवान का भजन करना।अगर छोटे बनकर रहोगे तो कोई भी काया और माया दोनो सुधर जाएगी।जिसने मेहनत की खरा पसीने का पैसा है,वो कभी व्यर्थ नही जाएगा।वो सुर्यनारायण जो बडे बडे तालाब सुखा देता है,वो एक गरीब के पसीने की बुंद नही सुखा सकते तो तुम्हारे पसीने की कमाई भी कोई चोर नही चुरा सकता,कोई बिमारी नही लग सकती।अध्यात्म जगत मे कहा गया कि कुछ ना करो तो रास्ते रा पत्थर ही हटा दो,वो शबरी भी बस रास्ता साफ करती है तो उसको भी राम मिल गए।”मत जाओ बिरज को छोड,बिहारी तेरी याद आएगी”भजन पर कृष्ण और गोपियो के बिछडने का दर्द बयां किया।जब भी कथा का मौका मिला जरुर सुनने जाना,कथा मत छोडना।चाहे किसी से भी सुनना लेकिन कथाश्रवण जरुर करना।”आकाश से आनंद बडा होता है,नारी से उसका सुहाग बडा होता है,राम से उसका नाम बडा होता है।” वही ग्राम जामली मे हो रहे सप्त दिवसीय आयोजन मे विधायक मैडा ने भी अपनी सक्रियता दिखाई है।कार्यक्रम की तैयारियो से लेकर अंजाम तक की जानकारी से वे लगातार आकर रुबरु होते रहे है।रविवार के दिन भागवत कथा के भंडारे मे एक दिन का भोजन विधायक मैडा द्वारा दिया गया।इस दौरान विधायक मैडा ने भागवत कथा का श्रवण भी किया।साथ ही भंडारे मे भक्तो को भोजन परोसने भी पहुंचे।उनके साथ कई नेतागण मौजुद रहे। वही पुर्व विधायक निर्मला भुरिया भी सोमवार को कथाश्रवण करने पहुंची।
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