आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका संघ ने विभिन्न मांगों को लेकर सौपा ज्ञापन

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पियुष चन्देल, अलीराजपुर

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका संघ जिला अलीराजपुर मध्यप्रदेश (सम्बंद्धता भारतीय मजदूर संघ) की और से अपनी विभिन्न मांगो को लेकर आज मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। प्रस्तुत ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि, भारतीय मजदूर संघ से सम्बंद्धता प्राप्त आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका संघ जिला अलीराजपुर द्वारा केन्द्र व राज्य की समस्त जनकल्याणकारी योजनाओं को आम जनता तक पहुचाने का कार्य करते हुए, महिला व बाल विकास का कार्य सूचारू रूप से कर रही हैं। इन्हे न तो सम्मानजनक मानदेय मिल रहा है, ना ही सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिल रहा हैं। हमारी मांगें न्यायोचित है, इस पर गम्भीरता पूर्वक विचार कर निर्णय लेने का कष्ट करें। प्रदेश में 2 अक्टूम्बर 1975 से आंगनवाड़ी केन्द्र का संचालन किया जा रहा है, जिसमे 0 से 6 वर्ष के बच्चों का पोषण देखभाल अनोपचारिक शिक्षा, पुरक पोषण आहार, शीशु तथा गर्भवती माताओं को कुपोषण से बचाने का कार्य किया जाता है, इसके अलावा राज्य शासन के बी.एल.ओ. आर्थिक जनगणना, पल्सपोलियों, राशनकार्ड सत्यापन, ओडीएल आदि। इसके अलावा प्रतिदिन के कार्यो के घंटो मे वृद्धि के साथ सूचना संकलन पंजीका के संधारण मे कई गुना वृद्धि की है, आंगनवाड़ी केन्द्र के पश्चात शेष समय मे फिल्ड का कार्य, इन दोनों स्थान के कार्य को देखे तो कार्यकर्ताओं को 08 घंटे से अधिक का कार्य करना पड़ता है। आपके द्वारा चुनावी घोषणा पत्र मे कहा गया कि हमारी सरकार प्रदेश मे बहुमत से आयेगी तो आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका/मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को नियमित किया जावेगा, किन्तु आज दिनांक तक नियमित न करते हुए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के साथ भेद-भावपूर्ण नीति अपनायी जा रही हैं। 1997 के आदेशानुसार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को 10 वर्ष की सेवापूर्ण करने पर पर्यवेक्षक पद पर नियूक्ति की जाती थी, किन्तू इस आदेश को निरस्त किया गया हैं। जबकि अन्य प्रदेशों में 10 वर्ष की सेवापूर्ण करने पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की योग्यता के आधार पर पर्यवेक्षक पद पर पदोन्नति दी जा रही है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मानदेय प्राप्त है, इन्हे विभागीय कार्य के अतिरिक्त निर्वाचन से सम्बन्धित बी.एल.ओं. एवं खाद्य विभाग का राशन कार्ड सत्यापन का कार्य, स्वास्थ्य विभाग में टीकाकरण, एल.टी.टी.केस, इन्द्रधनूष सर्वे, कार्य जिला प्रशासन के दबाव में करने पड़ते है, ऐसी स्थिति मे लोकसेवा एप्प के माध्यम से मानीटरिग की जा रही है जबकि यह कार्य शासकीय कार्मचारियों पर लागू नहीं है, फिर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताआें पर लागू कर उन पर दबाव डलवाकर अन्य विभागीय कार्य करवाना न्यायोचित नही है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से विभागीय कार्य के अतिरिक्त अन्य विभागीय कार्य करवाने की प्रथा तत्काल बन्द की जाय।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका/मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताआें को योग्यताओं के आधार पर केरल व तामिलनाडू राज्य के नीति नियमानुसार सरकारी कर्मचारी बनाया जाय एवं शासन के नियमानुसार शासकीय कर्मचारियों के वेतन भुगतान के पूर्व आं. कार्यकर्ताओं का मानदेय भुगतान प्रतिमाह 1 से 10 तारिख तक किया जाय।
जिलें में तदर्थ समितियों के खाते में से विभागीय अधिकारी के निर्देश पर क्षेत्रीय कर्मचारी द्वारा समस्त राशि का आंगनवाडी कार्यकर्ताओ से आहरण करवा लिया जाता है, किन्तू उक्त राशि का बिल बाउचर नही दिया जाता है । जबकि उक्त राशि का ऑडिट का भुगतान आंगनवाडी कार्यकर्ताओ से वसूली की जाती है, यह प्रथा बन्द किया जाय।
समान कार्य समां मानदेय के नीति नियमानुसार मिनी आंगनवाडी केन्द्र में पदस्थ मिनी आंगनवाडी कार्यकर्ता को भी मेन आंगनवाडी केन्द्र मे पदस्थ आंगनवाडी कार्यकर्ता के बराबर मानदेय का भुगतान किया जाये ।
इसके अतिरिक्त संगठन इस बिन्दु को महत्वपूर्ण मानता है, कि प्रत्येक आंगनवाडी कार्यकर्ता सहायिका एवं उप/मिनी आ.कार्यकर्ता जिलें की प्रगति का आधार है, एवं अन्य कर्मचारियों के समान वह भी सम्मान की पात्रता रखती है। आशा ही नही विश्वास है, की उपरोक्त बिन्दुओं पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर तत्काल उचित जॉच कर पिछले 37 वर्षो से आंगनवाडी कार्यकर्ता एवं सहायिका को सरकारी कर्मचारी बनाने की लंम्बीत मांगों का निराकरण कर करने की कृपा करेंगे ।
ज्ञापन सौपते समय श्री धनसिह कनेश, श्री शांतिलाल हटीला, श्रीमति मन्जू लोहार, श्रीमति आनन्द राठौर, सुश्री कल्पना बघेल, श्रीमति किरण मौर्य एवं बड़ी संख्या में संघ के सदस्य मौजूद रहे।

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