विद्युत मंडल की तानाशाहीपूर्ण रवैये व बिजली कटौती से क्षेत्र के किसान हालाकान

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जीवनलाल राठौड़, सारंगी
मध्य प्रदेश सरकार किसानों को 24 घंटे बिजली देने का वादा करती है लेकिन मध्यप्रदेश में बिजली से किसान हैरानपरेशान हैं।एक तरफ किसान गेहूं चने की बोवनी में व्यस्त हैं और बोवनी होने के बाद जब किसान अपने खेत में नहर से पानी देने के लिए खेत पर जाते हैं बिजली हमेशा गायब रहती है। किसान परेशान हैं आखिर जाए तो जाए कहां…? एक तरफ अधिक वर्षा होने के कारण सोयाबीन-मक्का की फसल बर्बाद हो चुकी है। अब किसान गेहूं चने की फसल पर आस लगाए बैठे हैं लेकिन बिजली विभाग की तानाशाहीपूर्ण रवैये के कारण किसानों को बिजली नहीं मिल पा रही है। ताजा मामले में आज गुणावत पंचायत के किसान मठमठ, गुणवाद, कागलखोल, कलारेगा, बलडीपाड़ा के लोगों ने विद्युत मंडल ऑफिस सारंगी पर पहुंचकर अपनी समस्या संबंधित अधिकारियों को बताई हम सभी लोग अघोषित विद्युत कटौती से परेशान हैं हमने अपने अपने खेत में गेहूं की बोवनी कर रखी है। जबकि अनियमित कटौती एवं वॉल्टेज की कमी के कारण क्षेत्र के किसान गेहूं को पानी नहीं दे पा रहे है। हमारा नुकसान हो रहा है हम सभी किसानों का विद्युत मंडल में कोई बिल बाकी नहीं है। हम सभी किसान नियमित बिल भरते हैं लेकिन पुराने बिल का भुगतान करने के बाद भी हमें नियमित रूप से लाइट नहीं मिल रही है। पहले हमारी बिजली बामनिया फीडर के छायन पंचायत से जुड़ी हुई थी वहां से हमें 24 घंटे बिजली मिल रही थी जबसे सारंगी फीडर से लाइट जुड़ी है इसके कारण लाइट कि हमें काफी परेशानी आ रही है। आज सभी किसानों ने मिलकर मध्य प्रदेश विद्युत मंडल सारंगी में करीब 40 किसानों ने भाजपा ग्रामीण मंडल अध्यक्ष कृष्ण पाल सिंह गंगा खेड़ी, महामंत्री सुखराम मोरी के नेतृत्व में मध्य प्रदेश विद्युत मंडल के सब इंजीनियर को विद्युत समस्या हल हेतु ज्ञापन दिया गया, लेकिन सम्बन्धित अधिकारी मीटिंग में बाहर होन बताया तो समस्या के समाधान हेतु कृष्णपाल सिंह गंगाखेडी व सुखराम मोरी झाबुआ बिजली विभाग के जिला अधिकारी से मिलने गये ताकि तत्काल परेशानी से निजात मिल सके। क्षेत्र के सभी किसानों ने एक समस्या निवारण ज्ञापन सहायक परीक्षण श्रेणी रामचंद्र ख्राड़ी को सौंपा है जिसका तत्काल हल नहं करने पर किसानों ने आंदोलन की धमकी भी दी है।
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