अमानक खाद उत्पादक कारखाने सील : एग्रो फोर्स कंपनी में मिला दानेदार एमपी के खाद की बोरिया क्रय-विक्रय पर लगाया प्रतिबंध

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भूपेंद्र बरमंडलिया, मेघनगर
मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए शुद्ध पर युद्ध अभियान 15 नवंबर से 30 नवंबर तक चला रखा था। इस अभियान के तहत पूरे मध्यप्रदेश में कई अमानक खाद बनाने वाली उर्वरक नकली खाद बीज यूनिट करखनो के सेपल लेकर कार्रवाई जारी है। शुद्ध पर युद्ध कार्रवाई के चलते सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया कि धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा व मिलावटखोरी करने वालो को कानून के दायरे में लाकर कटघरे में खड़ा करना है। इसी कार्रवाई के चलते मेघनगर की एग्रोफ़ोर्स कंपनीए बालाजी फर्टिलाइजर एवं मोनी मिनरल कंपनी के लाइसेंस 31 अक्टूबर को निरस्त कर दिए गए थे। लेकिन रात के अंधेरे में लाइसेंस निरस्त होने के बावजूद भी यह कल कारखाने शासन-प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर अन्नदाताओं के खेतों में धीमा जहर परोस रहे थे। जिसकी शिकायत स्थानीय किसानों ने फिर से कृषि मंत्री सचिन यादव को की। किसानों ने कृषि मंत्री सचिन यादव को आप-बीती बताते हुए कहा कि रात के अंधेरे में निरंतर नकली खाद बनाया जा रहा है इतना ही नहीं यह खाद रंग बिरंगी थैलियों में अलग-अलग नाम से बनाया जाता है।एक दिन पूर्व हुई फेक्ट्री सीलिंग की कार्रवाई से किसान असंतुष्ट नजर आए एवं उन्होंने मेन गेट को सील करने की बात कही तभी तुरंत कृषि मंत्री ने संबंधित अधिकारी ज्वाइंट डायरेक्टर इंदौर कृषि विभाग के रवेसिंह सिसोदिया एवं उनके स्थानीय झाबुआ कृषि विभाग टीम को फिर से फैक्ट्री सीज करने के लिए भेजा जहां पर एग्रोफोर्स का मेन गेट खुला पाया गया एवं अंदर रखी कई सैकड़ो अमानक खाद की बोरिया मिली। उक्त माल पर कृषि विभाग के अधिकारियों ने जब्त की। वैसे ही बालाजी कंपनी में पिछला गेट खुला पाया गया वहां पर भी सीलिंग की कार्रवाई की गई व मोनी मिनरल कंपनी में भी पिछला गेट खुला पाया गया तीनों कंपनियों को सीज कर ज्वाइंट डायरेक्टर ने निर्देश दिया कि यदि फिर से किसी भी किसानों की शिकायत मिलती है तो आप को इस कैम्पस ने जाने तक नहीं दिया जाएंगे व अगली कार्रवाई के जवाबदार आप खुद होंगे।

जिम्मेदार बोल-
यदि कंपनियों पर जो भी सील हमारे द्वारा लगाई गई है यदि खुली पाई गई तो कृषि उर्वरक अधिनियम 185 के तहत सख्त कार्यवाही की जाएगी।-रवेसिंह सिसौदिया, ज्वाइन डायरेक्टर कृषि विभाग