श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन

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रितेश गुप्ता, थांदला
थांदला। नगर के प्रतिष्ठित दीपक कन्हैयालाल कोठारी एवं उनके पूर्वजों की स्मृति में उनकी पत्नी उषा व पुत्र नीरज कोठारी द्वारा 20 नवम्बर से श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन अनुराग मुखिया मदनमोहन मंदिर, इंदौर के मुखारविंद से स्थानीय नंदनकानन वाटिका श्री वैकुंठधाम गुरुद्वारा थांदला में किया जा रहा है । कथा के प्रथम दिवस मुखिया ने श्रीमद भागवत के महात्म्य का वर्णन किया साथ ही शुकदेवजी व उत्तरानंदन राजा परीक्षित की कथा सुनाई व राजा परीक्षित को किस प्रकार श्राप से मुक्ति मिलेगी। कथा प्रारम्भ से पूर्व कोठारी निवास, सुभाष मार्ग थांदला से श्रीमद भागवतजी तथा कथावाचक मुखियाजी की भव्य शोभायात्रा नगर में निकाली गई जिसमे नगर के गणमान्य नागरिक, माताएं बहने व बाहर से पधारे समाजजन शामिल हुए। शोभायात्रा में महिलाएं सिर पर कलश रखकर व भजनों की धुन पर नृत्य करते हुए चल रही थी। दूसरे दिवस की कथा मंगलाचरण के साथ प्रारम्भ करते हुए मुखियाजी ने धर्म व अधर्म की व्याख्या की व भगवान के अवतारों को विस्तारपूर्वक सुनाया। चतुर्थ दिवस की कथा में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव बड़ी श्रद्धा एवं धूमधाम से मनाया गया। जैसे ही श्री नीरज कोठारी नंदबाबा के रूप में टोकरी में भगवान श्री बालकृष्ण को पांडाल में लेकर आएए पांडाल जयकारों से गुंजायमान हो उठाए नंद घर आनंद भयो, जय हो नंदलाल की। हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैयालाल की उसके बाद महाआरती की गई। पांचवे दिवस भगवान श्री बालकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया व श्री गिरिराजधरण की झांकी सजाई गई व छप्पन भोग अर्पित किए गए। कथा के छठे दिवस महाराज कंस के वध की कथा के पश्चात भगवान श्री कृष्ण-रूखमणी विवाह बड़ी श्रद्धा एवं धूमधाम से सम्पन्न हुआ व महाआरती सम्पन्न हुई । नगर के साथ-साथ बाहर से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन कथा का रसपान कर आनंद व धर्मलाभ ले रहे है।

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