3 माह पूर्व क्षतिग्रस्त शाला भवन की मरम्मत नहीं होने से परेशानी, दो कक्षाओं को अन्य कमरों में समायोजित किया

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मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ

शासन प्रशासन शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने तथा अधिक से अधिक ग्रामीण क्षेत्रों को शिक्षित करने के दावे करता आ रहा है। मगर देखा जा रहा है कि कई ग्रामों में ठीक से शिक्षा के मंदिरों में बैठने की व्यवस्था ही नहीं है तब कैसे सुधरेगी शिक्षा की गुणवत्ता ? यह विचारणीय प्रश्न है । मामला आम्बुआ से 10 कि.मी दूर ग्रामीण क्षेत्र झीरण का है जहां की माध्यमिक शाला के दो कमरों के नीचे का तल भारी वर्षा के कारण धस गया। हालांकि वर्षा इस वर्ष अधिक हुई । मगर कमरों की स्थिति देखकर यह भी आशंका व्यक्त की जा रही है कि उनका निर्माण कार्य घटिया किस्म का रहा होगा जो कि जांच का विषय हो सकता है ।मगर अभी चिंता बच्चों की पढ़ाई की है। क्योंकि सुरक्षा की दृष्टि से इन कमरों में लगने वाली कक्षाएं अन्य स्थानों पर स्थानांतरित कर दी गई हैविभाग को जानकारी दिए हुए तीन माह होने जा रहे हैं। मगर अभी तक कोई ना तो कार्रवाई हुई और न ही कोई जवाबदार अधिकारी मौके पर ही पहुंचा है। हमारे आम्बुआ संवादाता जो कि विगत दिनों 31/10/19 को झीरन क्षेत्र के भ्रमण पर थे को वहां संचालित माध्यमिक विद्यालय में जानकारी मिली कि कुछ वर्ष पूर्व बने माध्यमिक शाला भवन के कक्षा 6 टी वाले कमरे में फर्श के नीचे का बहुत बड़ा हिस्सा भराव सहित भारी वर्षा के कारण धस गया तथा नीचे की बाहरी दीवार तोड़कर मिट्टी आदि बाहर निकल जाने से कमरे के नीचे गुफा नुमा खाली स्थान हो गया ऊपर बने दो कमरों के फर्श तथा दीवारों में भी दरारें हो गई। घटना 17 अगस्त की रात की बताई जा रही है दोनों कमरों में संचालित 6 टी एवं 7 वी की कक्षाएं कमरों में समायोजित की गई ताकि कोई दुर्घटना से बच्चो को बचाया जा सके क्योंकि नीचे खोखली हो जाने तथा फर्श तथा दीवारों में दरार हो जाने के कारण कमरों का फर्श भी नीचे धस सकता था। हमारे संवाददाता को प्रधानाध्यापक ई एस डुडवे वे बताया कि जिस समय भवन गिरा उस समय स्कूल की छुट्टीया थी यानी की घटना 17/08/19 शनिवार रात की है। दूसरा दिवस रविवार था सोमवार 19/08/19 को स्कूल खुलने पर पता चला कि भवन का निचला हिस्सा धस गया है उन्होंने 19 अगस्त को ही सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग अलीराजपुर तथा खंड शिक्षा अधिकारी आजाद नगर खण्ड स्त्रोत समन्वय जनपद आजाद नगर पत्रक्रमांक / मरम्मत 2019/44 दिनांक 19/08/19 के माध्यम से जानकारी दी तथा अतिशीघ्र मरम्मत करने का अनुरोध किया पत्र दिए हुए तीन माह बीत रहे है ।मगर आज तक न तो मरम्मत की गई और ना ही कोई जवाबदार अधिकारी ही घटनास्थल पर आए वर्तमान समय में कमरे बन्द पड़े होने से विद्यार्थियों को अन्य कमरों में अन्य कक्षा के छात्रों के साथ बैठ कर पढ़ाई करना पड़ रही है इस कारण उनकी पढ़ाई पर विपरीत असर पढ़ना संभव हे विद्यार्थियों तथा पालको की मांग है कि भवन की मरम्मत अविलंब की जाए।

इनका कहना है

मैं अगस्त माह में यहां पदस्थ नहीं था बाद में आया हूं पूर्व के अधिकारी को पता होगा झीरण के प्रधानाध्यापक ने भी बाद में संपर्क नहीं किया और ना ही दोबारा कोई जानकारी दी है मैं जानकारी निकाल रहा हूं तथा उचित कार्यवाही हेतु प्रयास करूंगा। – श्री डी एस सोलंकी, बी.ई.ओ चंद्रशेखर आजाद नगर

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