खवासा मंडल अध्यक्ष पद को लेकर घमासान, उभरकर आए आधा दर्जन दावेदार

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अर्पित चोपड़ा, खवासा

भारतीय जनता पार्टी में इन दिनों संगठनात्मक चुनावों का दौर चल रहा है। इस हेतु मंडल निर्वाचन अधिकारी बूथ समिति और ग्राम केंद्र की बैठकें ले रहे है। खवासा मंडल अध्यक्ष पद को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है जो राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा रहा है साथ ही कई कार्यकर्ताओं में असंतोष भी दिखाई दे रहा है। अभी तक किसी ने भी सीधे तौर पर मंडल अध्यक्ष पद की दावेदारी पेश नहीं की है किंतु समर्थकों द्वारा जो नाम आगे किए जा रहे है उनसे कई नाम स्पष्ट हो रहे है । हालांकि अधिकांश आगे रहकर दावेदारी पेश नहीं करने की बात कह रहे है किन्तु उन्हें जिम्मेदारी मिलने पर उसका निर्वहन करने से भी गुरेज नहीं है । खवासा मंडल के सहायक निर्वाचन अधिकारी जीतू सेन ने बताया कि फिलहाल बूथ समितियों का गठन किया जा रहा उसके बाद सभी बूथ समितियों के अध्यक्ष मिलकर मंडल अध्यक्ष चुनेंगे । कोशिश रहेगी कि मंडल अध्यक्ष बिना किसी विवाद सर्वसम्मति से चुन लिया जाए ।

दिखाई दे रहा असंतोष
संगठनात्मक चुनाव के लिए नियुक्त किए गए खवासा मंडल के निर्वाचन अधिकारी दौलत भावसार द्वारा गत दिनों एक बैठक रखी गई थी जिसके लिए 11 बजे का समय नियत था। नियुक्त मंडल निर्वाचन अधिकारी तय समय से ना आकर करीब दो बजे पहुंचे । इसके चलते लंबा इंतजार कर चुके कई नाराज कार्यकर्ताओं ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया ।

ये नाम आए सामने
भीतरखाने से छन कर आ रही खबरों के मुताबिक कई समर्थकों ने अपने नेताओं के नाम आगे करने शुरू कर दिए है। चर्चाओं के मुताबिक अभी तक जो नाम सामने आए है उनमें रमेश बारिया, गोपाल चौहान, कमल चावड़ा, तोलसिंह गणावा, राजेन्द्र भगत और जीतू सेन मुख्य नाम है। इनके अतिरिक्त भी कुछ नाम चर्चा में है।

जानिए प्रबल दावेदारों के बारे में
मंडल अध्यक्ष रमेश बारिया
प्लस पॉइंट- ग्राम पंचायत खवासा के सरपंच। लोकसभा चुनाव में पार्टी को मंडल से 5500 वोट से लीड, राजनीतिक रूप से सक्रिय, पार्टी का परिचित चेहरा, कई कार्यकर्ता पक्ष में ।
माइनस पॉइंट- पार्टी के कई कार्यकर्ता असंतुष्ट, पूर्व विधायक कलसिंह भाबर से राजनीतिक मतभिन्नता ।
क्या कहते है रमेश बारिया– पार्टी कार्यकर्ता और संगठन चाहेगा तो जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार ।

मंडल महामंत्री गोपाल चौहान
प्लस पॉइंट – अपनी समन्वयकारी नीति के चलते पार्टी में अच्छी छवि, मंडल में राजनीतिक कलह वाली स्थिति में समन्यवक के रूप में पार्टी के विश्वसनीय, सभी को साथ लेकर चलने की क्षमता ।
माइनस पॉइंट – आक्रामक रुख की कमी ।
क्या कहते है गोपाल चौहान- दावेदारी पेश नहीं करूंगा, संगठन का निर्णय मान्य होगा । जिम्मेदारी मिलने पर निर्वहन करूँगा ।

मंडल महामंत्री कमल चावड़ा
प्लस पॉइंट – पार्टी और संगठन के कट्टर समर्थक, समर्पित और निष्ठावान कार्यकर्ता की छवि, अपने क्षेत्र में मतदाताओं पर अच्छी पकड़,
माइनस पॉइंट – पार्टी में साइलेंट विरोधी मौजूद।
क्या कहते है कमल चावड़ा- स्वयं दावेदारी पेश नहीं करूंगा । संगठन योग्य समझेगा और जिम्मेदारी देगा तो उसे निभाया जाएगा ।

भाजयुमो मंडल अध्यक्ष तोलसिंह गणावा
प्लस पॉइंट – पूर्व विधायक कलसिंह भाबर के विश्वसनीय माने जाते है, अपने एरिया में मतदाताओं पर पकड़, पार्टी में भी अच्छी पकड़, पूर्व विधायक के प्रतिनिधि रह चुके है । भाजयुमो थांदला मंडल के अध्यक्ष भी रह चुके है।
माइनस पॉइंट – पार्टी में विरोधी कार्यकर्ताओं की मौजूदगी, अपने समकक्ष नेताओं से राजनीतिक मतभेद भी सामने आते रहे है ।
क्या कहते है तोलसिंह गणावा- पूरी मजबूती से दावेदारी पेश करूँगा ।उसके बाद भी संगठन का निर्णय मान्य रहेगा । पार्टी जिसे भी चुनेगी हम उसके साथ रहेंगे । मैं पार्टी के साथ हूँ किसी व्यक्ति विशेष के साथ नहीं ।

थांदला जनपद उपाध्यक्ष राजेन्द्र भगत
प्लस पॉइंट – समन्वयकारी और सामंजस्य बिठाने वाले नेता, संगठन के प्रति निष्ठा और समर्पण, क्षेत्र के ट्राइबल वोट पर मजबूत पकड़ मानी जाती है।
माइनस पॉइंट – मंडल अध्यक्ष पद से बेरुखी ।
क्या कहते है राजेन्द्र भगत- मैं इस पद का इच्छुक नहीं हूं, ना तो दावेदारी पेश करूँगा ना ही यह जिम्मेदारी लूंगा चाहे संगठन दे तो भी ।

भाजयुमो जिला मीडिया प्रभारी जीतू सेन
प्लस पॉइंट – युवा चेहरा, संगठन के बड़े नेताओं से जीवंत संपर्क, शोशल प्रचार के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों को लेकर संगठन में अच्छी छवि, पार्टी कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी, कई पदों पर कार्य करते हुए बेहतरीन प्रदर्शन ।
माइनस पॉइंट – कम समय में अच्छी कामयाबी हासिल करने के कारण विरोधी भी ।
क्या कहते है जीतू सेन- मुझे मंडल का सहायक निर्वाचन अधिकारी नियुक्ति किया गया है । इसलिए मैं इस दौड़ में कहीं से कहीं तक नहीं हूँ । हम संगठन के साथ है।