

राणापुर। पर्युषण पर्व के पांचवे दिन उत्तम सत्य धर्म मनाया गया। प्रातः दोनो मंदिर जी में श्रीजी का अभीषेक शांतिधारा तत्वार्थ सूत्र मोक्ष शास्त्र का वाचन पश्चात नित्य पूजन उत्तम सत्य धर्म पूजन दसलक्षण विधान पूजन सांय सामायिक, प्रवचन आरती एवं भक्ति की गई जिसमे गेंदमल दोषी अपनी सुरीली आवाज से लोगो को थिरकने पर मजबूर कर दिया। आज की उत्तम सत्य धर्म की पूजा का लाभ बड़े मंदिर मे मोहनलाल अग्रवाल परिवार, अग्रवाल मंदिर राजकुमार अग्रवाल परिवार ने लिया।
तत्वार्थ सूत्र के पाचवे अध्याय समझाया
आज तत्वार्थ सूत्र के पाचवे अध्याय मे पंडितजी ने छह द्रव्यो मे जीव को छोड शेष पाच द्रव्य पुदगल,धर्म,अधर्म, आकाश और काल द्रव्य का विस्तृत वर्णन कीया की जिसे हम देख सकते है जो रुपी है वह पुदगल हे शेष द्रव्य अरुपी है आकाश अनंत है जिसमे स्पर्श,रस,गंध एवं वर्ण हो वह पुदगल है। इसके पूर्व कल सायं पंडितजी का प्रवचन उत्तम शोच धर्म मे बताया की हमे लोभ नही करना चाहिए क्योंकि लोभ को शास्त्रो मे पाप का बाप बताया है। लोभ के कारण जीव मुसीबत मे पड़ता है एवं दुख उठाता है ओर अंत मे नरक एवं तिर्यंच गति मे जाता है।