भजन संध्या: “आएगा” “मेरा” “भोला”, “दिल” “से” “बुलाकर” “तो” “देख”..

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Salman Shaikh@ Jhabua Live
पेटलावद। प्रभुजी मोरे नेनन से जग हर दे…, मेरे भोला को कैसे मैं मनाऊं, भोला मानत नाही…, आए मेरा भोले, दिल से बुलाकर तो देख..भोले ओ भोले….चले है संग लेकर भूतो की बारात देखो सज गए भोले बाबा निराले दुल्हे में…,मोहन आओ तो सही…, कुछ ऐसे ही भजनो की प्रस्तुति जब श्रावण के दूसरे सोमवार की रात आस्था का प्रतीक निलकंठेश्वर महादेव मंदिर में निलकंठेश्वर मित्र मंडल के तत्वाधान में भजन संध्या में हुई, तो संपूर्ण माहौल भक्तिमय हो गया। श्रद्धालु भोले की भक्ति में लीन हो गए और एक के बाद सुमधुर भजनो पर श्रद्धालु खूब झूमे।
भगवान महादेव की हुई महाआरती-
निलकंठेश्वर महादेव मंदिर पर रात 8 बजे महाआरती शुरू हुई। महाआरती में महिला एवं पुरूष बड़ी संख्या में शामिल हुए। भगवान निलकंठेश्वर महादेव की महाआरती के बाद रूणावदा के राम रामायण मण्डल के सुप्रसिद्ध संगीतकार और गायक कलाकरो ने भगवान महादेव की महाआरती के बाद मंच संभाला और अपने सुमधुर भजनो की प्रस्तुति दी। भजन संध्या में भगवान भोलेनाथ के एक से बढकऱ एक भजन गाए गए, जिससे श्रद्धालु भावविभोर हो गए और अपनी जगह पर ही खड़े होकर झूमने लग गए।
इस बार निलकंठेश्वर मित्र मंडल ने की खास व्यवस्था-
हमेशा श्रावण मास में निलकंठेश्वर मित्र मंडल के कार्यकर्ताओ द्वारा कड़ी मेहनत की जाती है और पूरे श्रावण माह में भक्तो के विशेष व्यवस्था की जाती है। इस बार भी मित्र मंडल ने कुछ अलग और सबसे हटकर कार्य किया है। वह यह है कि अगर भजन संध्या शुरू होने के बाद मंदिर परिसर के अंदर भक्तो की संख्या ज्यादा हो गई हो तो वह परिसर के बाहर बैठकर भी भजन संध्या का आनंद ले सकते है, क्योंकि मंडल ने मंदिर परिसर के बाहर एलईडी लगाई है जिससे भजन संध्या का लाईव प्रसारण दिखाया जा रहा है। रात में भी सैकड़ो भक्तगण बाहर एलईडी के सामने बैठकर ही भजन संध्या का आनंद ले रहे थे।

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