झाबुआ लाइव के लिए मदरानी से हितेंद्र पंचाल की रिपोर्ट –
जुलूस की तैयारी सुबह से ही प्रारम्भ हो चुकी थी। छोटे बच्चे से लेकर बड़े बुजुर्गो तक इसका उत्साह दुगना था।हर कोई वर्ग इसे देखने के लिए आतुर था।विभिन्न प्रकार के भजनों द्वारा बेंड के कलाकारों ने प्रश्तुती दी।घणी घणी खम्मा मारा रणुजा ना राइ ने तमने भजे रे आखि मालवाड़ जी हो आखि गुजरात जी हो।जेसे भजनों की प्रस्तुति दी गई।यह कार्यक्रम प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी मनाया गया।तेजा दसमी के दो दिन पहले अष्टमी के दिन इनका विशेष दिन महत्व माना गया हे।