चंद्रभानसिंह भदोरिया @ चीफ एडिटर
अब यह साफ हो गया है कि झाबुआ विधानसभा का उपचुनाव या संभवतः मध्यावधि चुनाव होना तय है इसके साथ ही सवाल उठने शुरु हो गये है कि इस बार कांगेस ओर बीजेपी से आखिर कोन विधानसभा जाने का टिकट लेकर आयेगा । झाबुआ विधानसभा 2018 मे बीजेपी के गुमान सिंह डामोर ने 10 हजार 125 वोटों से जीती थी लेकिन लोकसभा चुनाव मे कांगेस ने 10 हजार 125 की लीड को उतारकर उलटे 8100 वोटों से लीड ले ली ।
कांग्रेस से कोन ?
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कांतिलाल भूरिया – सबसे प्रबल दावेदार खुद कांतिलाल भूरिया है अगर वे जीतते है तो कमलनाथ सरकार मे उनका उप मुख्यमंत्री बनना तय है ओर अगर हारते है कांतिलाल भूरिया की राजनीति पर स्थाई ग्रहण लग सकता है ।
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जैवियर मैडा – 2008 मे पहली बार विधायक बने थे 2013 मे कलावती भूरिया के कारण हार गये ओर 2018 मे जब कांग्रेस से जैवियर मैडा को टिकट नहीं मिला तो वे कलावती भूरिया की राह पर गये ओर बागी बनकर डाक्टर विक्रांत भूरिया की हार की वजह बने लेकिन लोकसभा चुनाव के पहले उनकी वापसी हो गयी ओर अब वे विधानसभा का टिकट पाने की पुरजोर कोशिश करेगे ।
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डाक्टर विक्रांत भूरिया – विधानसभा चुनाव 2018 मे कांग्रेस से लड़े थे मगर बागी जैवियर मैडा के चलते हार गये ..अब जैवियर मैडा कांगेस मे है इसलिऐ डाक्टर विक्रांत भूरिया फिर से टिकट हासिल करने की कोशिश कर सकते है मगर इस शर्त पर की जैवियर फिर बागी ना हो जाये ।
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आशीष भूरिया – कांगेस मे एक दशक से सक्रिय है लेकिन अभी तक सम्मानजनक पद पर पार्टी स्थापित नहीं कर पाई है आशीष भूरिया भी कोशिश करेगे कि अगर कांतिलाल भूरिया परिवार ओर जैवियर मैडा दोनो को टिकट ना देना हो तो पार्टी उन्हे अवसर दे .. आशीष मिलनसार माने जाते है ओर सभी से उनके रिश्ते है ।
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कैलास डामोर – राणापुर नगर परिषद के अध्यक्ष रहे है ब्लाक कांगेस के अध्यक्ष है विधानसभा ओर लोकसभा चुनाव मे उनके ब्लाक मे कांगेस को लीड मिली है हालांकि खुद उनके गांव मे कांगेस लोकसभा हार गयी थी । दावेदारी कर सकते है ।
बीजेपी से यह होगे दावेदार
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शांतिलाल बिलवाल – विधानसभा चुनाव 2018 के पहले बीजेपी की ओर से झाबुआ के विधायक थे लेकिन पार्टी ने टिकट काट दिया था .. बिलवाल हारे नही है इसलिऐ वे ओर उनके पीछे खडी राजगढ नाका लाबी पूरी कोशिश करेगी कि बिलवाल को फिर से पार्टी मोका दे ।
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मैगजी अमलियार – संघ से जुड़े है ओर जिला पंचायत के सदस्य है 2018 मे भी दावेदार थे लेकिन अचानक गुमानसिंह डामोर का नाम आ गया था .. हालाकि जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के मामले आरोप है कि पार्टी लाइन से बाहर जाकर उन्होंने काम किया ।
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सुनिता गोविंद अजनार – राणापुर नगर परिषद की दोबारा अध्यक्ष बनी है पार्टी मंचो पर सक्रिय है अच्छी वक्ता है, साथ ही जनपद अध्यक्ष राणापुर है पति गोविंद भी सक्रिय राजनीति मे है ।
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भानु भूरिया – भारतीय जनता युवा मोर्चा के लंबे समय से अध्यक्ष है विगत विधानसभा चुनाव 2018 मे भी बीजेपी से टिकट की कोशिश की थी मगर बात नही बनी .. इस बार भाजयुमो प्रमूख अभिलाष पांडे के जरिऐ टिकट हासिल करने को लेकर उम्मीद लगाऐ हुऐ है । पिता बालु भूरिया एक दशक से अधिक समय तक राणापुर जनपद के अध्यक्ष रहे है कानून मे स्नातक है भानु भुरिया ।
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कल्याण डामोर – इनका कल्याण गुमानसिंह डामोर कर सकते है वैसे फग्गन सिंह ; रंजना बघेल के साथ साथ वत॔मान सांसद गुमानसिंह डामोर के भी बेहद करीब है । कल्याण प्रदेश स्तर की बीजेपी की कई इकाईयो के प्रमूख ओर उप प्रमुख रहे है ।
भाजपा आलाकमान में अगर उपरोक्त दिए गए नामों पर सहमति नहीं बनी तो पेेटलावद की पूर्व विधायक निर्मला भूरिया को झाबुआ विधानसभा में आगामी होने वाले उपचुनाव में मैदान में उतारा जा सकता है।
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