सीएम की सभा के बाद कॉलेज मैदान की दुर्गति, कचरा और गढ्ढे छोड़े ..

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सलमान शैख़@ पेटलावद
शहर में नाममात्र के खेल मैदान है। ऐसे में हा पर राजनीतिक या शासकीय आयोजन होते रहते है। आयोजन के बाद खेल मैदान की सुध तक नही ली जाती। इससे खिलाडिय़ो को दिक्कते उठाना पड़ती है। खेलप्र्रेमियो का कहना है कि इस तरह के आयोजन खेल मैदान पर नही होना चाहिए। अगर होते है तो बाद में मैदान को दुरूस्त करवाने की जवाबदारी तय की जाए।
बुधवार को मप्र के सीएम कमलनाथ की पेटलावद में हुई जनसभा में कॉलेज मैदान को खराब कर दिया गया। कार्यक्रम में लगाए गए टैंट के खंबो को गाडऩे के लिए पीच पर सब्बल गाड़ दी गई। हीं नही, कार्यक्रम खत्म होने के बाद इन गढ्डो को भरना किसी ने मुनासीब नही समझा। सभा के लिए मंच बनाने के लिए बड़े डोम का उपयोग किया गया, जिसे खड़ा करने के लिए जगह-जगह बड़े गड्डे खोदे गए।
*स्वयं के खर्च पर करते है देखरेख और नेता फेर देते है पानी-*
कहने को तो शहर में तीन खैल मैदान है, लेकिन उनमें भी खिलाडिय़ो को काफी दिक्कतो का सामना करना पड़ता था। जैसे-तैसे खिलाड़ी अपने स्वयं के खर्चे से खेल को जिंदा रखने के लिए मैदान का रखरखाव करते थे, लेकिन अब उस पर भी इन नेताओ ने अपने मतलब के लिए बिगाडऩे मे कोई कमी कसर नही छोड़ी। सीएम ने बुधवार को युवाओ के लिए बड़ी-बड़ी बाते की, लेकिन चुनावी सभा के लिए युवाओ के ग्राउंड को भी नही बक्शा। खिलाडिय़ो कोमल चोयल, मनोज परमार, हरिश चोधरी, विकास मुलेवा, हर्ष सोलंकी, रवि परमार आदि का कहना है कि इससे क्रिकेट मैच नही होने की स्थिति बनी हुई है। इतने सालो में इस मैदान पर पहली बार ऐसी स्थिति हुई है। इधर..खेलप्रेमियो दिनेश व्यास, नासीर शेख, आनंदीलाल मेहता का कहना है कि खेल मैदान का जनसभा के लिए उपयोग करना उचित नही है।
*पॉलीथिन और झूठन भी फैली-*
कार्यक्रम के बाद से मैदान की सफाई भी नही की गई है। ग्रामीणजन यहां आकर नाश्ते-पानी के पाऊच आदि दुकानो से सभास्थल तक लेकर आए, जिसकी पॉलीथिन भी मैदान से नही हटाई गई। जगह-जगह मैदान में जूठन फैली पड़ी है। यहीं नही जिन फूलो की मालाओ से सीएम का स्वागत किया गया उन्हे भी मैदान में फेंक दिया गया।

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