रातभर इबादत कर मुस्लिम धर्मावलंबियों ने मनाया शबे बरात का पर्व

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रितेश गुप्ता थांदला
मुस्लिम समाज की इबादत की रात शबे बरात का पर्व शनिवार को मनाया गया। इस दौरान शुक्रवार को अरफा का दिन होने से मुस्लिम धर्मावलंबी अपने पूर्वजों को सवाब पहुंचाने की नीयत से कब्रिस्तान गए वहां पर उन्होंने अपने पुरखों की कब्रों पर फूल चढ़ाए, उनके हक में मगफिरत की दुआएं की तथा इस दौरान कब्रिस्तान पर मुस्लिम लोग अपने-अपने पुरखों की कब्रों पर पानी डालते नजर आए , तो वहीं अगरबत्ती व लोबान की खुशबू से कब्रिस्तान महक उठा। अगले दिन यानी शनिवार को भी असर से लेकर मगरिब तक मुस्लिम लोग कब्रिस्तान गए और अपने महरूमों की हक में दुआएं की। बाद नमाजे मगरीब जामा मस्जिद में विशेष नमाज अदा की गई। इस मौके पर जामा मस्जिद के पेश इमाम इस्माइल बरकाती साहब ने मुस्लिमों को शबे बरात का महत्व बताया है तथा नमाज व दुआओं के साथ रातभर इबादत में मशगुल रहकर अल्लाह को राजी करने की बात कहीं। शबे बरात होने के चलते रातभर मुस्लिम समाज के लोगों ने मस्जिद में इबादत की तथा रात 12 बजे फिर से कब्रिस्तान पहुंचे जहां पर इमाम इस्माइल बरकाती व हाफिज अशफाकउल्ला खान ने फातेहा पढक़र कब्रिस्तान के सारे महरूमों के हक में दुआएं की तथा देश में अमन, चैन के लिए दुआएं की।
तकरीर में बताया शबे बरात का महत्व
ईमाम बरकाती साहब ने धर्मावलंबियों को संबोधित करते हुए बताया कि शबे बरात की रात में ही इंसानों की सालभर का हिसाब किताब लिखा जाता है। इस रात में परवरदिगार बेहिसाब गुनाहगारों की मगफिरत फरमाता है। वहीं इसके पश्चात सुबह 4 बजे मुसलमानों ने रोजा रखा और शबे बरात में अपने व अपने परिजनों के हक में मस्जिदों में धर्मावलंबी दुआएं करते नजर आए।
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