साध्वी धैर्यप्रभाजी के सानिध्य में शुक्रवार को मनाया जाएगा पक्खी पर्व

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रितेश गुप्ता, थांदला

आचार्य उमेशमुनिजी के शिष्य प्रवर्तक जिनेन्द्रमुनिजी की आज्ञानुवर्ती साध्वी धैर्यप्रभाजी, निखिलषीलाजी, दिव्यशीलाजी, प्रियशीलाजी, दीप्तिजी ठाणा-5 स्थानीय दौलत भवन पर विराजित है। आपके सानिध्य में यहां प्रतिदिन प्रात: राई प्रतिक्रमण, प्रात: प्रार्थना, व्याख्यान, दोपहर में ज्ञान चर्चा, स्वाध्याय, शाम को देवसी प्रतिक्रमण, कल्याण मंदिर, चौवीसी आदि विविध धार्मिक आराधनाएं हो रही है जिसमें बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं उत्साहपूर्वक भाग ले रहे है। श्रीसंघ के अध्यक्ष जितेन्द्र घोड़ावत और सचिव प्रदीप गादिया ने बताया कि साध्वी मंडल के सानिध्य में 19 अप्रैल षुक्रवार को पक्खी पर्व जप-तप-त्याग-तपस्या और विविध धार्मिक आराधनाओं के साथ मनाया जाएगा। इसी दिन नवदिवसीय ओलीजी तपाराधना का समापन भी होगा। इस तपाराधना में बड़ी संख्या में तपाराधकों ने भाग लिया। साध्वी मण्डल के नियमित हो रहे व्याख्यान प्रात: 9 से 10 बजे तक स्थानीय पौषध भवन पर होगे। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं सामूहिक उपवास तप की तपस्या करेगे। वही कई तपाराधक आयम्बिल, नीवीं, एकासन, बियासन आदि विविध तपाराधना करेगे। पौषध, दसवां पौषध और संवर की आराधना भी होगी। पक्खी पर्व के प्रसंग पर नवकार महामंत्र के जाप भी होगे। शाम को 6.55 बजे से पक्खी प्रतिक्रमण प्रारंभ होगा। श्रावक वर्ग का प्रतिक्रमण पौषध भवन पर और श्राविका वर्ग का प्रतिक्रमण दौलत भवन पर होगा। प्रतिक्रमण में बड़ी संख्या मे श्रावक-श्राविकाएं भाग लेगे। श्रीसंघ ने समस्त श्रावक-श्राविकाओं से पक्खी पर्व पर अधिक से अधिक आराधना करने का निवेदन किया है।
शनिवार को होगे सामूहिक पारणे
नवदिवसीय ओलीजी तपाराधना और पक्खी पर्व के प्रसंग पर होने वाले सामूहिक उपवास आदि समस्त तपाराधना करने वाले तपस्वियों के सामूहिक पारणे शनिवार को स्थानीय पीचा काम्प्लेक्स पर होगे। पारणे के पूर्व नवकार महामंत्र के सामूहिक जाप होगे।

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