नव वर्ष में गुरुदेव के प्रवेश पर नगर में बरसी  खुशियां, भव्य मंगल प्रवेश के बाद आखातीज के पारणे के लिए लगी बोलियां

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राज सरतलिया, पारा
पुण्य सम्राट लोकसंत आचार्य देवेश श्रीमद् विजय जयंत सेन सूरीश्वर जी महाराजा साहेब के पट्टधर वर्तमान गच्छाधिपति आचार्य देवेश श्रीमद विजय नित्यसेन सूरीश्वरजी का नगर में भव्य नगर प्रवेश हुआ। अलीराजपुर जिले के बोरी से विहार कर गुरुदेव ने शुक्रवार को निकटस्थ ग्राम सेमलखेड़ी में रात्रि विश्राम किया। शनिवार सुबह साढ़े चार बजे से विहार करते गुरुदेव करीब पौने सात बजे पारा पधारे। गुरुदेव के आगमन पर समाज के कई श्रावक – श्राविकाएं उनके दर्शन – वन्दन करने पहुंचे। प्रातः की नवकारसी के बाद सम्पूर्ण श्रीसंघ द्वारा गुरुदेव के जयकारे के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली गई।

गुरुदेव की सह्रदयता

पारा प्रवेश पर गुरुदेव नित्यसेन सूरीश्वरजी को जैसे ही राठौड़ समाज के एक बालक की मृत्यु की खबर मिली उसी समय आपने शोभायात्रा साधारण रूप में ही निकालने का निर्णय लिया। शुक्रवार शाम को नगर राठौड़ समाज के वरिष्ठ फ़क़ीरचंद्र के पोते रितिक कमलेश राठौड़ का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। गुरुदेव को जब इस बात का पता चला उन्होने दुख प्रकट करते जैन श्रीसंघ को आदेशित किया कि नगर में गमी होने से शोभायात्रा ढोल – ढमाकों और बिना बेंड बाजों के ही साधारण तरीके से निकाला जाए। तब श्रीसंघ ने इस आदेश को शिरोधार्य करते उक्त बालक के निधन के बाद सिर्फ जयकारों के साथ शोभायात्रा निकाली। अनेकता में एकता का परिचय देते सभी समाजजनों ने गुरुदेव गच्छाधिपति के दर्शन वन्दन किये। बोहरा समाज ने भी राजेन्द्र सूरी चौक पर गच्छाधिपति नित्यसेन सूरीश्वर को काम्बली वोहराई।
शोभायात्रा के राजेन्द्र सूरी गुरुज्ञान मंदिर पहुंचने के बाद आखातीज पर होने वाले त्रिदिवसीय कार्यक्रम की बोलिया लगाई गई। श्रीसंघ अध्यक्ष प्रकाश तलेसरा ने जानकारी देते बताया कि सर्वप्रथम जाजम बिछाने की बोली लगाई गई जिसका लाभ सुभाष चन्द्र , विकास कांकरिया परिवार द्वारा लिया गया। वहीं मुनीम बनने का लाभ मनोहर लाल कर्णावत ने लिया। आखातीज पर होने वाले त्रिदिवसीय आयोजन में 7 मई को शिरडी रस का लाभ श्रेणिक कुमार, राजेन्द्र कुमार, सुनील कुमार पगारिया परिवार ने लिया वहीं पत्रिका पर जय जिनेन्द्र का लाभ राकेश , मुकेश पगारिया परिवार ने लिया। आयोजन के प्रथम दिन 5 मई को सुबह नवकारसी का लाभ राजेन्द्र पगारिया परिवार, सुबह का स्वामीवत्सल्य सुरेश चंद्र राहुल भंडारी परिवार तथा शाम का स्वामीवत्सल्य का लाभ नरेंद्र कुमार, प्रतीक, प्रियांश व्होरा परिवार ने लिया। पहले दिन दोपहर में पूण्य सम्राट की पूजन पढ़ाई जाएगी जिसका लाभ प्रकाश, गौरव छाजेड़ परिवार ने लिया। द्वितीय दिन 6 मई को नवकारसी का लाभ भंवरलाल, मौसम छाजेड़ परिवार, सुबह का स्वामीवत्सल्य पत्रकार अमृत लाल जैन परिवार तथा शाम का स्वामीवत्सल्य राकेश, मुकेश पगारिया परिवार द्वारा लिया गया। इस दिन होने वाली गुरुपद महापूजन का लाभ प्रकाश, लव रांका परिवार द्वारा लिया गया। अक्षय तृतीया 7 मई के आयोजन में सुबह की नवकारसी का लाभ प्रकाश तलेसरा परिवार , सुबह के स्वामी वात्सल्य का लाभ अनोखी लाल नाहटा परिवार तथा इस दिन शाम के स्वामीवात्सल्य का लाभ भंवर लाल छजलानी परिवार द्वारा लिया गया । अक्षय तृतीया पर दोपहर में होने वाली भक्तामर महा पूजन का लाभ रतनलाल , अनोखी लाल, अमित कुमार नाहटा परिवार द्वारा लिया गया । कार्यक्रम में सिद्धाचल नगरी तथा हस्तिनापुर नगरी का स्वरूप बनाया जाएगा। जिसमें सिद्धाचल नगरी का लाभ प्रकाश रांका परिवार तथा हस्तिनापुर नगरी का लाभ राजेन्द्र आशीष कोठारी परिवार द्वारा लिया गया। आयोजन में मेहंदी वितरण का लाभ दिलीप कुमार, गौरव कुमार कोठारी परिवार द्वारा लिया गया वही तपस्वियों के बहूमान में तिलक का लाभ सुभाषचंद्र कांकरिया परिवार , माला का लाभ सुरेश भंडारी परिवार , श्रीफल द्वारा बहुमान करने का लाभ दिलीप कुमार कोठारी परिवार तथा मोमेंटो देने का लाभ नरेंद्र कुमार बोहरा परिवार द्वारा लिया गया। कार्यक्रम में निश्रा देने हेतु गुरुदेव 4 मई को ही पारा पधार जाएंगे। इस दिन भी सुबह नवकारसी का लाभ सुरेश कोठारी परिवार , सुबह का स्वामी वात्सल्य राजेन्द्र पगारिया परिवार तथा शाम का स्वामी वात्सल्य तपस्वी परिवार द्वारा लिया गया। इसके पूर्व आचार्य श्री के नगर प्रवेश पर पहली गहुली का लाभ वर्षा रिंकू छाजेड़ तथा पहले मंगल कलश को आगे लेकर चलने का लाभ मनोरमा मनोहरलाल कर्णावट ने लिया। शोभायात्रा के दौरान श्रीसंघ द्वारा नवनिर्मित जयंतसेंन आराधना भवन का लोकार्पण आचार्य श्री ने आप अपने वृहद हस्त से कर वासक्षेप किया। सुबह की नवकारशी, व स्वामीवत्सल्य सकल संघ की ओर से हुआ।

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