क्या वाकई में जनहित के मुद्दे पर ग्रामीणों के साथ थी पंचायत ? 14 माह पहले अपर कोर्ट में अपील नही करके पंचायत ने कर दी बड़ी चूक

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रायपुरिया @ लवेश स्वर्णकार 

रायपुरिया बस स्टेण्ड के अंधे मोड़ किनारे निर्माधीन मकान का निर्माण वर्ष 2017 में शुरू हुवा था,तब ग्रामीणों की शिकायत पर दुर्घटना की संभावना को देखते हुवे ग्राम पंचायत ने निर्माण बन्द करवा दिया था । मामला तब कोर्ट में चला गया था सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 13 जनवरी 2018 को ग्राम पंचायत के विरुद्ध फैसला देकर शांतिबाई को अपने भूखंड के उपयोग के लिए ग्राम पंचायत व अन्य किसी के द्वारा हस्तक्षेप या बाधा उत्पन्न नही करने के (निषेधाज्ञा) आदेश दिए थे। दरअसल कानूनी जानकारों के अनुसार ग्राम पंचायत को 14 माह पहले आए कोर्ट के आदेश के बाद अपर कोर्ट में सुनवाई के लिए गुहार लगानी थी । तब यह माना जाता कि पंचायत जनहित में ग्रामीणों के साथ थी । लेकिन पंचायत ने ऐसा नही किया। मार्च 2019 में जब यहां निर्माण कार्य पुनः शुरू हुवा तब पंचायत ने लोगो के विरोध के बाद सचिव के हस्ताक्षर से 15 मार्च को लेटर पेड़ पर अनुविभागीय दंडाधिकारी पेटलावद को न्यूसेंस की शिकायत कर दी लेटर में कोर्ट की निषेधाज्ञा बाबद जानकरी नही दी गई । जिसके बाद शांतिबाई ने पेटलावद कोर्ट में न्यायालय की अवमानना का प्रार्थना पत्र दाखिल कर दिया। दरअसल ग्राम पंचायत रायपुरिया ने जनहित के मामले में यहां की जनता को भी गुमराह किया है,दरअसल ग्राम पंचायत की इस कार्यप्रणाली से साफ जाहिर हो रहा कि पंचायत से एक बहोत बड़ी चूक हुई है ग्रामीणों का कहना है यह चूक जनहित में ग्रामीणों के साथ होने का दिखावा होना भी दर्शा रही है । पंचायत को पेटलावद अनुविभागीय दंडाधिकारी को न्यूसेंस की शिकायत करने के बजाय 14 माह पूर्व पेटलावद कोर्ट के आदेश के बाद अपर कोर्ट में अपील करना थी। ग्रामीणों का कहना है ग्राम पंचायत ने समय पर अपना मजबूत पक्ष न्यायालय में नही रखा ।

इनका कहना है
पंचायत का आवेदन आया था मेने निर्माणकर्ता को नोटिस दिए तब उन्होंने कागजात प्रस्तुत किए लीगल होने पर अनुमति दी थी इस मामले में पंचायत को पूर्व में आए कोर्ट के आदेश पर अपर कोर्ट में कार्रवाही करनी थी – एसडीएम हर्षल पंचोली पेटलावद

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