ईंटभट्टा संचालक कर रहे पेयजल स्त्रोतों का दोहन कर, पर्यावरण को कर रहे प्रदूषित, जिम्मेदार मौन

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भूपेंद्र बरमंडलिया, मेघनगर
प्रशासन कुंभकरणी निंद्रा में लीन है तो नगर सहित ग्रामीण इलाकों में खुलेआम ईंट भट्टो का संचालन किया जा रहा है। ईंट भट्टा संचालक नियमो को ताक मे रखकर भट्टों का संचालन कर रहे है एक ओर बढ़ती भीषण गर्मी ओर पानी की किल्लत की समस्या, तालाब, नदी, नालों में पानी का कम होना भी चिंता का विषय है। ऐसे मे पानी की समस्या का ईंट भट्टों पर कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है। ईंट भट्टे मालिक चांदी काट रहे है, सरकारी कानून को ताक में रखकर यह लोग बखूबी अपना ईंट भट्टा चला रहे हैं। वही ग्रामीण इलाकों की बात करे तो खच्चरटोडी सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों मे कई छोटे ईंट के भट्टे संचालित हो रहे है ओर संबन्धित पटवारी भी सब जानकार भी अनजान है।
ईंट भट्टे से निकलने वाले जहरीली धुए से आसपास के इलाके में कई तरह के बीमारी उत्पन्न हो रही हैं। जहरीली प्रदूषण के चलते छोटे-छोटे बच्चो पर भी खास असर पड़ता है। पर्यावरण को बुरी तरह से नष्ट हो रहा हैं कई जीव जंतु खत्म होने की कगार पर पहुंच गए हैं, लेकिन सरकार की लापरवाही के कारण आज इलाके के लोगों को इस ईंट भट्टे की वजह से कई खतरनाक बीमारी से गुजर रहे हैं, तो वही कानून को ताक को रखकर सैकड़ों एकड उपजाऊ जमीन तालाब में तब्दील हो जाती है। अवैध खनन रोक के बावजूद भी धड़ल्ले से ईंट भट्टे मालिक अपना काम को अंजाम देते हैं। इतना ही अगर नियम की बात करे तो प्रदूषण बोर्ड के नियमानुसर ईंट भट्टो पर फिक्स चिमनी लगाने का नियम है साथ ही इनके पास पोलुशन बोर्ड का प्रमाण पत्र है या नहीं। मगर यहा तो चिमनी तो दूर कार्य करने वाले मजदूरो के लिए शौचालय भी नहीं है।

जिम्मेदार बोल-
मैं कल ही इस मामले में रिपोर्ट मंगवाती हूं और जांच रिपोर्ट आने के बाद ईंट भट्टा संचालको पर उचित कार्रवाई की जाएगी। – प्रीति संघवी, एसडीएम मेघनगर

इस मामले को देखकर संबन्धित अधिकारी को जांच रिपोर्ट पेश कर अवगत करवाता हूं। आनंद मेडा, पटवारी कस्बा मेघनगर
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