मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ
होलीका उत्सव के अंतिम चरण में आज शीतला सप्तमी पर शीतला माता की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई तथा घर परिवार की खुशहाली की प्रार्थना की गई। श्रद्धालु सुबह 3 बजे से ही पूजा करने 2 किलोमीटर दूर स्थित माताजी के मंदिर पहुंचने लगे दोपहर तक पूजा का सिलसिला चलता रहा ।जैसा की विदित है होली के त्योहार के बाद भी लगभग 1 सप्ताह तक विभिन्न आयोजन होते रहे हैं इस रंगा-रंग कार्यक्रम का समापन शीतला सप्तमी पर होता है । आज आंबुआ तथा सभी ग्राम बोरझाड़ के लिए संयुक्त पूजा स्थल शीतला माता मंदिर आम्बुआ पर दोनों ग्रामों के श्रद्धालुओं महिला पुरुष सुबह 3 बजे से पूजन सामग्री के साथ उपस्थित हो रहे तथा पंक्ति में खड़े होकर अपनी अपनी बारी के अनुसार शीतला माता को ठंडे जल ठंडे भोजन तथा पूजन सामग्रियों से पूजा-अर्चना की सुबह से लेकर दोपहर तक पूजा का कार्यक्रम जारी रहा जिसमें महिलाओं की विशेष भूमिका रही जो कि सज-धज कर पूजा करने पहुंची तथा पूजा कर घर परिवार के सुख शांति की प्रार्थना की। स्मरण रहे कि आज घरों में चूल्हा नहीं जला जाता है यानी कि ताजा भोजन बनता है। 1 दिन पूर्व बना गया भोजन स्वयं भी खाते मिलने जुलने वाले इष्ट मित्रों को भी खिलाया जाता है दिन भर मिलने मिलाने खाने खिलाने का दौर चलता रहा। शीतला माता मंदिर प्रांगण में इस बार से भी युवाओं ने टेन्ट,दरी,थन्डे पानी के सा ही जनरेटर से प्रकाश व्यवस्था तथा बेठने के लिए कुर्सियां की व्यवस्था विगत वर्ष की तरह इस वर्ष भी कि जिसकी सभी ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की।