सप्तमी पर्व: मां शीतला को लगाएंगे ठंडे खाने का भोग, ठडे पकवानो का भोग लगाकर मांगेंगे सुख-समृद्धि 

0

सलमान शेख@ झाबुआ LIVE
कल शहर सहित समूचे अंचल में सप्तमी पर्व परंपरागत तरीके से मनाया जाएगा। इस दिन घरो में खाना नही बनेगा। महिलाएं रात्रि जागरण करेगी। इसके साथ ही शीतला माता मंदिर पर महिलाओ की भीड़ उमड़ेगी। सभी ठंडा भोजन करेंगे। ये व्यंजन (रांदा-पोआ) पर्व के एक दिन पहले यानि आज रात को बनाए जाएंगे। घर-घर में महिलाएं बासोड़ा में पुआ, पापड़ी, ओलिया आदि व्यंजन बनाएंगी। अगली सुबह स्नानादि के बाद आभूषण चुनड़ पहनकर शीतला माता का पूजन करने समूह रूप में पहुंचेंगी। कई स्थानों पर कहानियां कही जाएंगी। इसे लेकर मंदिरो में सजावट सहित हेलोजनो की व्यवस्था की गई है।
ठंडे भोजन के पीछे यह है मान्यता:
आपको बता दे कि फाल्गुन सप्तमी को आने वाले इस पर्व के दौरान ठंडा-बासा प्राचीन परंपरा का निर्वहन किया जाता है। इस दिन महिलाएं रात को भोजन बनाती है। जिसका सुबह मां शीतला को भोग लगाया जाता है और इस दिन रात को भोजन प्रसादी के रूप में लिया जाता है। यह परंपरा वर्षो से चली आ रही है। यह पर्व संदेश देता है कि अब गर्मी प्रारंभ हो गई है और गर्म व्यंजन की बजाय सप्तमी के बाद से ठंडे व्यंजनो का अधिक उपयोग किया जाना चाहिए। मान्यता यह भी है कि माता को भोग लगाने के बाद परिवार में किसी को कभी गंभीर बीमारी नही होती है और घर में भी माता की कृपा बनी रहती है।
यहां लगेगी महिलाओ की भीड़:
पर्व को लेकर खासकर महिलाओ में खासा उत्साह देखा जा रहा है। सुभाष मार्ग स्थित अतिप्राचीन श्री खेड़ादेवी मन्दिर व शीतला माता चौक पर प्राचीन शीतला माता के मंदिर में धोक लगाकर खुशहाली की कामना करंगे। आपको बता दे कि प्रतिवर्ष इस दिन यहां अलसुबह से ही महिलाओ की भारी भीड़ पूजा-अर्चना के लिए पहुंचती है और देर रात तक यह सिलसिला चलता रहता है। शीतला माता मंदिर में महिलाएं घरो से बनाए गए भोजन आदि की थाली लेकर माता को भागे लगाने के लिए पहुंचेगी।
प्रजापत समाज ने द्वारा तैयारियां अंतिम दौर मे:
त्योहार मद्देनजर प्रजापत समाज के वरिष्ठजनो के अलावा युवावर्ग ने मंदिर में साफ-सफाई से लेकर आने-जाने के लिए बेरिकेड्स की व्यवस्था है। वहीं मंदिर में विद्युत व्यवस्था की। प्रजापत समाज के वरिष्ठजनो के नेतृत्व मेंं समाज के अन्य सदस्य अपनी सेवाएं देंगे।
रात 12 बजे बाद से शुरू हो जाएगी पूजन:
शीतला माता के दरबार में शीतला सप्तमी पर उमडऩे वाली भीड़ के कारण आज रात 12 बजे बाद से ही पूजन शुरू हो जाएगी। महिलाएं मंगल गान करते हुए शीतला माता मंदिर जाएगी। यहां माता की पूजन कर परिवार के सुख व समृद्धि की प्रार्थना करेंगी। पंडित नरेंद्र नंदन दवे ने बताया चैत्र कृष्ण पक्ष की सप्तमी और अष्टमी को शीतलामाता की पूा और ठंडा भोग लगाने का विधान है। माता को एक दिन पूर्व बनाया भोजन का भोग लगाया जाता है। इसके पीछे ऋतु परिर्वतन से होने वाले रोगो से बचने का विज्ञान है। वृतधारी गर्म पदार्थ का सेवन नही करते। कथा सुनने का भी विशेष महत्व है।
बाजार में उमड़ी भीड़:
पर्व को लेकर बाजार में रौनक रही। किराणा दुकानों पर आज पूरे दिन ग्राहकों की भीड़ रही। पर्व के चलते ग्रहणियां पिछले कुछ दिनो से पकवान बनाने में व्यस्त नजर आ रही थी। खाद्य सामग्री की दुकानो पर भी ग्राहकी जमकर हुई। बाजारो में पापड़, चिप्स, घी, वनस्पति, मेदा, सूजी, शक्कर, बेसन, मावा आदि की अच्छी ग्राहकी रही।
पुलिस प्रशासन चौकन्ना:
शीतला माता मंदिर पर महिलाओ की भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन चौकन्ना नजर आ रहा है। यहां पुलिस बल तैनात किया जा रहा है। वहीं मंदिर के आसपास बेरीकेट्स लगाकर व्यवस्था बनाई गई है। व्यवस्था बनाए रखने के लिए महिला पुलिसकर्मियो को भी तैनात किया जाएगा। इसके अलावा वाहनो से भी पुलिस स्थिति पर नजर रखेगी।
शीतला सप्तमी पर माताजी के सामने इन श्लोग का पाठ करने से सभी प्रकार के रोगों व बाल रोगों से मुक्ति मिलती है-
शीतले त्वं जगन्माता, शीतले त्वं जगत्पिता।
शीतले त्वं जगद्धात्री, शीतलायै नमो नम:।।
रासभो गर्दभश्रैव, खरो, वैशाखनन्दन।
शीतला वाहन श्रैव, दूर्वाकन्द निकृन्तन।।
एतानि खर-नामानि, शीतलाग्रे तु पठेत।
तस्य गेहे शिशुनांच, शीतला रूद्र न जायते।।

)

Leave A Reply

Your email address will not be published.