इंटरनैशनल फुटबॉल महिला खिलाड़ी ज्योति आर्थिक तंगी के चलते सरकारी अस्पताल में इलाज कराने को मजबूर

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राजेंद्र शर्मा, दाहोद ब्यूरो चीफ
मध्य प्रदेश के धार जिले के सरदारपुर तहसील की एक इंटरनेशनल लेवल की फुटबॉल की महिला खिलाडी पिछले कई महीनों से खांसी बुखार व फीवर जैसी समस्याओं से बीमार चल रही है। इस महिला खिलाड़ी को परिजनों द्वारा दाहोद की झायड्स अस्पताल में उपचार के लिए लाया गया है। महिला खिलाड़ी की आर्थिक हालत बद से बदतर होने पर तथा पैसों की कमी के कारण यह महिला खिलाड़ी काफी परेशानियों का सामना कर रही थी यह महिला खिलाड़ी की माता विधवा है। अपने पिता का छत्रछाया जा चुकी यह गरीब घर की महिला खिलाड़ी निजी अस्पताल में अपना इलाज कराने की स्थिति में ना होने के कारण इसे दाहोद के अस्पताल में अपनी माता व कोच द्वारा लाकर भर्ती किया गया है जहां पर इसका उपचार चल रहा है।
खिलाड़ी अपने मनपसंद खेल में अपना कैरियर बनाने मे अपनी पूरी जिंदगी खेल को समर्पित कर देता है तथा अपने देश का नाम रोशन करने की भावना के साथ विविध क्षेत्र में खिलाड़ी अपने आप को तैयार करते हैं तहसील हो जिला हो या इंटरनेशनल लेवल पर अपने निरंतर प्रयासों के साथ खिलाड़ी खेल में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान प्रदान करता है। परंतु ऐसे खिलाडिय़ों पर सरकार ध्यान दे यह भी बहुत जरूरी है। दाहोद शहर के झायड्स अस्पताल में ऐसा ही एक किस्सा सामने आया है जिसमें मध्यप्रदेश के धार जिले के सरदारपुर तहसील की बिल्कुल गरीब घर में जन्मी ज्योति रमेशनाथ चौहान को पहले से ही फुटबॉल के खेल में काफी रुचि थी जिस को ध्यान में रखते हुए फुटबॉल में अपना कैरियर बनाकर देश का नाम रोशन करने का निर्णय लिया। तत्पश्चात ज्योति ने प्रथम स्कूल में बाद में तहसील जिला उसके बाद इंटरनेशनल लेवल पर फुटबॉल के खेल में आगे बढ़ी धीरे-धीरे ज्योति इंटरनेशनल लेवल पर पहुंच गई किंतु समय की धारा में ज्योति इंटरनेशनल लेवल तक पहुंच गई किंतु ज्योति के पिता रमेशनाथ का देहांत हो जाने से ज्योति के सर से पिता का साया उठ गया। परिवार के बड़े एवं पालनहार का ही देहांत हो जाने पर परिवार सदमे में तो था ही परंतु समय के साथ अपने द्रढ मनोबल के साथ ज्योति फुटबॉल के खेल में आगे बढ़ रही थी जिसमें ज्योति को उसकी माता एवं कोच की तरफ से भरपूर साथ भी मिल रहा किंतु पिछले कई महीनों से ज्योति की खांसी बुखार एवं फ्लू जैसी समस्याएं हो जाने से ज्योती की माता ज्योति का उपचार निजी अस्पताल में कराने मे असमर्थ होने से उन्होंने ज्योति को गांव के एक सरकारी अस्पताल में उपचार के लिए ले गई थी किंतु काफी उपचार के बाद भी ज्योति की हालत में कोई फर्क ना दिखने पर माता एवं कोच चिंतित हो गए थे तभी अनायास ज्योति के कोच के संपर्क में आए एक परिचित ने दाहोद के झायड्स अस्पताल के बारे में बताने पर ज्योति की कोच एवं उसकी माता ने जैसे तैसे  20 मार्च  को दाहोद की झायड्स अस्पताल में ज्योती को उपचार के लिये लेकर आए थे जहां पर ज्योति को खांसी की बहुत तकलीफ थी जिसके कारण ज्योति को सांस लेने मे तकलीफ़ होने पर डॉक्टरों ने उसे ऑक्सीजन पर रखकर बेहतर से बेहतर उपचार शुरू कर दिया अभी ज्योति, उसकी मां एवं कोच अस्पताल में अकेले ही हैं। उनकी देखभाल करने वाला कोई भी नहीं उनको एक टाइम खाने को भी बड़ी मुश्किल से मिल रहा था फ़ुट्बोल की इस महिला खिलाड़ी एवं उसके परिवार को प्रशाशन के संलग्न विभाग द्वारा खिलाड़ी के मान-सम्मान को ध्यान में रखते हुए पीडि़त खिलाड़ी को संभवत मदद पहुंचे एवं इस महिला खिलाड़ी का उपचार किसी निजी अस्पताल में बेहतर से बेहतर हो ऐसी उसकी माता की इच्छा है। अभी सरकार द्वारा इस इंटरनेशल महिला फुटबॉल के खिलाड़ी के लिये कोई भी लाभ नहीं है जिसके चलते ज्योति की माता तथा चिंता में हे की आगे क्या होगा? अभी दाहोद के एक मानवसेवा मे कार्यारत अर्पिल शाह इस बात की जानकारी मिलने पर उन्होंने तत्काल अस्पताल में जाकर इस खिलाड़ी को मिले एवं उसकी देखभाल तथा उनके खाने-पीने की सारी जिम्मेदारी उठा कर मानव सेवा का उत्कृष्ट कार्य किया है।
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