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सलमान शैख़@ पेटलावद

रंग पर्व की खुशी के बीच शहर को दबे पांव आ रहे जलसंकट का भी अहसास करना होगा। उल्लास से सराबोर होकर रंगो का पानी उड़ाने के साथ कुछ पानी बचा सके, इसका जतन भी करना होगा। एक दिन छोडक़र जलप्रदाय कर रहे नगर परिषद प्रशासन की चिंता चोर बोराली का लगातार गिरता जलस्तर है। हर व्यक्ति होली खेलने में इतना मशगूल हो जाता है कि उसे कुछ भान ही नहीं रहता कि उसके शरीर पर लगाए गए रंगों को निकालने के लिए उसे कितना पानी खर्च करना पड़ेगा? कितना अनचाहा पानी व्यर्थ बहाकर अपने रंगों को छुड़ाने में कामयाब हो पाएगा? लेकिन क्या इस तरह पानी का दुरुपयोग सही है? रंगो के त्योहार पर परंपरा निभाने के साथ पानी बचाने की भी जरूरत है। पानी बचाने के लिए एक बार फिर अबीर-गुलाल से होली खेलने का सामूहिक संकल्प का समय आ गया है।
लगातार गिरता जलस्तर एक बड़ी चिंता का विषय:
शहर के प्रमुख जलस्त्रोत चोर बोराली तालाब पर जल आपूर्ति के लिए लगातार बढ़ते दबाव ने चिंता बढ़ा दी है। वर्तमान में नगर में एक दिन छोडक़र जलप्रदाय हो रहा है। रूपगढ़ तालाब सहित अन्य छोटे-बड़े तालाबो ने साथ छोड़ दिया है। वहीं अब गहन चिंता का विषय यह है कि चोर बोराली तालाब से मात्र २५ दिन तक ही पानी मिलने की उम्मीद बांधी जा रही है। गर्मी में शहर की जलापूर्ति बड़ी चुनौती होगी। शहरवासियो को अभी से चिंतन करना होगा कि रंगो के त्योहार पर ऐसा क्या किए जाए जिससे पानी भी बचा सकें व परंपरा भी निभाई जा सके। शहर के कई इलाको में अभी कम दबाव से जलप्रदाय हो रहा है। कई इलाको में तो हैंडपंप व अन्य जलस्त्रोत हांफने लगे है।
ये है शहर की जरूरत:
चोर बोराली के सूखते हलक व दम तोड़ते जलस्त्रोतो ने चिंता बढ़ा दी है। स्थिति का आकलन करने के बाद जो बात सामने आ रही है। वह जिम्मेदारी का अहसास कराने का संकेत दे रही है। अभी चोर बोराली तालाब का जलस्तर 0 तक पहुंच गया हैं। जो मई आते-आते लगभग पूर्ण रूप से खत्म हो जाएगा। ऐसे में पानी बचाने के लिए अभी से जतन करने होंगे।
ये है जलप्रदाय की स्थिति:
– शहर में हो रहा एक दिन छोडक़र जलप्रदाय।
– पानी की जरूरत रोज 24 लाख लीटर।
– शहर को मिल रहा पानी 12 लाख लीटर।
– 2 माह में 7 करोड़ 20 लाख लीटर पानी की है जरूरत।
– चोर बोराली तालाब में बचा है मात्र 25 दिन का पानी।
इसलिए है जरूरी:
– शहर के प्रमुख जलस्त्रोत चोर बोराली तालाब पर जलापूर्ति का बढ़ता दबाव।
– मौजूदा पानी से मानसून के पहले ही जलसंकट दे देगा, क्योकि अब बचा है ना के बराबर पानी।
– शहर को मिल रहा जरूरत का आधा पानी।
– मौजूदा पानी का किफायत से उपयोग जरूरी।
शहरवासियो को जलसंकट से नही जूझने दिया जाएगा:
नपं सीएमओं रूपकिशोर कुलश्रेष्ठ ने बताया शहर के कौने-कौने में पानी की सप्लाय बंद नही होने दी जाएगी। इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे है। हमारे पास 2 हैंडपंप और 2 बोरिंग है, जिनका उपयोग अभी लिया जा रहा है। वहीं हर वार्ड में टंकी भी है, तालाब में पानी खत्म होने के बाद इन टंकियो को टैंकरो से भरा जाएगा। वहीं अन्य बोरिंगो को अधिग्रहित कर पानी की सप्लाय किए जाने की प्लानिंग तैयार की जा रही हैं।
होली का मजा, बन न जाए सजा:
महंगाई के साथ-साथ पानी की समस्या आम बात बन गई है। आम आदमी को रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने के लिए भी पर्याप्त पानी नहीं है। हम सभी रोजाना इसी समस्या से रूबरू होते रहते हैं। हर रोज के खर्च में पानी भी उसी तरह है, जैसे सुबह से शाम तक दो जून की रोटी की जुगाड़ में लगे रहना। पानी को लेकर सुबह से ही आम आदमी की भागदौड़ शुरू हो जाती है। यह बहुत ही भयावह किंतु वास्तविक स्थिति है। आम आदमी को जहां पीने के लिए ठीक से पानी नहीं मिलता, रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने के लिए दूर-दूर से पानी लाकर उसकी व्यवस्था करनी पड़ती है, ऐसे में पानी का दुरुपयोग कितना सही है? इस पानी के दुरुपयोग की बात को शायद ही कोई हां कहे लेकिन बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हें होली का त्योहार बहुत अच्छा लगता है। उन्हें होली खेलना, एक-दूसरे को कलर लगाना, रंगों से पट जाना, घरभर को तरह-तरह के रंगों से भर देना बहुत अच्छा लगता है। लेकिन यहां समस्या होली खेलने की नहीं, पानी की है। आज के युग में बिजली, पेट्रोल, खाने-पीने की चीजों और पानी आदि सभी पर महंगाई की भरपूर मार पड़ रही है। रंग भी सस्ते आते हैं, ऐसी बात नहीं है। पानी भी सस्ता मिलता है, यह भी बात नहीं है। जो बात है वह यह कि होली तो खेलें लेकिन ऐसी कि हमें रंगों को छुड़ाने के लिए ज्यादा पानी खर्च न करना पड़े, तो ही हम असली होली का आनंद ले पाएंगे। अगर आपके यहां पीने को पर्याप्त पानी, रोजमर्रा की सारी जरूरतों को पूरा करने के लिए पानी नहीं है तो ऐसे में रंगों से रंगी इसी होली को खेलने के बाद उसे छुड़ाने के लिए कितने पानी को बर्बाद करना पड़ेगा? यह बात तो सोचने वाली है।
तो लीजिए आपके सवाल का एक बढिय़ा जवाब है हमारे पास…। वो यह कि होली खेलो, खूब खेलो, जरूर खेलो, प्यार से खेलो, रंगों से खेलो लेकिन सिर्फ उन रंगों से जिसमें आपको पानी व्यर्थ न बहाना पड़े यानी सूखे रंगों की वह होली, जो आपके कपड़ों, आपके तन पर लगे रंगों को आसानी से साफ करने में आपकी मदद करे। ऐसी होली जो हाथ से झटकते ही कलर गायब हो जाए। तो होली के पावन त्योहार पर होली तो खेलो, लेकिन पानी बचाने का संकल्प भी लो और होली का मजा भी लूट लो। ऐसी रंग-बिरंगे हर्बल सूखे रंगों की होली खेलो और वसंतोत्सव के रंग में रंग जाओ…!
सभी को होली की शुभकामनाएं हैप्पी होली ऑल..!

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