कल से शुरू होगी खरीदी, इस बार बीते वर्ष की तुलना में कम किसानो ने कराया पंजीयन, यह है बड़ा कारण.

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सलमान शैख़@ पेटलावद
इस बार खरीफ की फसलो के पंजीयन कराने के प्रति किसानो में दिलचस्पी कम दिखी। खरीदी केंद्रों पर पंजीयन बीते एक माह से जारी था। पंजीयन प्रक्रिया बंद होने के बाद उपज खरीदी की तैयारी शुरू दी गई है। पिछले सीजन की अपेक्षा खरीफ फसलो के प्रति किसानो की दिलचस्पी घटी हुई नजर आई।
बता दे कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार कल 25 मार्च से गेहूं की खरीदी करेगी। वहीं सरकार द्वारा तय राशि से ज्यादा खुले बाजार में गेंहू का रेट मिल रहा है। जिससे किसान सरकारी क्रय केंद्रो पर न जाकर गेहूं को खले बाजार में ही बेच रहे है। बाजार में गेहूं के दाम 2 हजार 300 तक बीक रहा है। जबकि सरकार बोनस वगैरह मिलकार कुल 2 हजार रूपए प्रति क्विंटल गेहूं खरीदी करेगी। वहीं इस बार बारिश ने कई जगहो पर किसानो की फसलो को बर्बाद कर दिया था। यही कारण है कि किसानो ने पिछले साल की तुलना में इस साल पंजीयन में अपनी कम रूचि दिखाई।
7 केंद्रो पर शुरू हुआ था पंजीयन:
गेहूं की खरीदी में किसानों का पंजीयन अनिवार्य किया था। विकासखण्ड के 7 खरीदी केंद्रों पर 21 जनवरी से पंजीयन शुरू कर दिया था। पहले चरण में पंजीयन की अंतिम तारीख 23 फरवरी थी। कम पंजीयन होने से तारीख 8 मार्च तक बढ़ाई गई। इस दौरान सर्वर डाउन होने की समस्या आ गई। कई किसान पंजीयन नहीं करा सके। सरकार द्वारा इस समस्या को देखते हुए अंतिम तारीख 14 मार्च निर्धारित की थी, लेकिन अंतिम दिन तक पिछले वर्ष से कम यानि 6 हजार 202 किसानों ने ही अपना पंजीयन कराया।
प्रोत्साहन राशि भी देगी सरकार:
इसके साथ ही गेहूं के समर्थन मूल्य की खरीदी में किसानों को अतिरिक्त बोनस राशि भी सरकार देगी। सरकार किसानों को गेंहू पर 160 रुपये प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि देने का फैसला किया है। इस तरह सरकार 2000 रुपये प्रति क्विंटल पर किसानों का गेहूँ खरीदेगी। यह प्रोत्साहन राशि उन किसानों को भी दी जायेगी, जो मण्डी जाकर अपना गेहूँ बेचेंगे। प्रोत्साहन राशि को लेने के लिए किसानों पर सरकारी एजेंसियों को ही गेहूँ बेचने का बंधन नहीं होगा।
ऐसे मिलेगी 160 रुपए:
समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी कराने वाले किसानों के बैंक खातों में 160 रुपये प्रति क्विंटल राशि जमा होगी। मण्डी में विक्रय करने पर भी 160 रुपये प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि मिलेगी। मण्डी में गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे या ऊपर के भाव पर बेचा गया हो, दोनों ही परिस्थिति में मिलेगी प्रोत्साहन राशि। गेहूं की खरीदी अवधि में बढ़ोत्तरी पर मण्डी में विक्रय अवधि स्वयंमेव मान्य होगी। मण्डी बोर्ड द्वारा जिन संस्थाओं को क्रय केन्द्र स्थापित कर कृषकों की उपज सीधे खरीदी करने के लिये एकल लायसेंस प्रदान किये गये हैं, उनके केन्द्र पर गेहूँ विक्रेेता पंजीकृत किसानों को भी पात्रतानुसार योजना का लाभ दिया जायेगा। प्रोत्साहन राशि के लिये किसान को ई-उपार्जन पोर्टल पर गेहूं उपार्जन का पंजीयन कराना अनिवार्य है।
भुगतान सीधे किसानों के खाते में:
खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रबी फसलों में इस बार गेहूं, चना मसूर और सरसों की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर होनी है। इस बार किसानों को उपज का भुगतान सीधे उनके खाते में होगा। समिति सत्यापन का काम करेगी। गोदाम स्तर पर खरीदी केंद्र बनाने को प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि परिवहन आदि में परेशानी न हो। इसके साथ ही किसानों की सहूलियत को भी ध्यान में रखा जाएगा।
एक नजर में:-
– 21 जनवरी से पंजीयन शुरू हुआ।
– 14 मार्च थी पंजीयन की आखिरी तारीख।
– 25 मार्च से 24 मई तक गेहूं खरीदी का कार्य संभावित।
– विकासखण्ड में कुल 7 खरीदी केंद्र
– कुल 6 हजार 202 पंजीयन हुए।
– 6 हजार 371 बीते साल पंजीकृत किसान
– 1 हेक्टेयर पर 35 से 36 क्विंटल खरीदी का रहता है लक्ष्य
– इस वर्ष लक्ष्य से बढक़र 29 हजार 500 हेक्टेयर में हुई थी गेहूं की बोवनी

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