सलमान शैख़, पेटलावद
फसलों और सब्जियों की सीवेज वाटर (गंदे पानी) से सिंचाई मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है। ये सब्जियां कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती हैं। इनके खतरों से बेखबर किसान गंदा पानी सिंचाई के लिए उपयोग कर रहे हैं, लेकिन उन्हें रोकने और समझाइश देने वाला कोई नहीं है। प्रशासन सहित कृषि व उद्यानिकी ही नपं द्वारा इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
दरअसल, शहर से निकली पंपावती नदी इन दिनो नाला बनकर रह गई है। इसके सौंदर्यीकरण की कितनी योजनाएं बनी, लेकिन सभी अधर में रह गई। अब पंपावती नदी में मिल रहे शहर के नालो के पानी से किसाना खेतों में हरी सब्जियों के उत्पादन कर रहे हैं। इन खेतों की सब्जियां रोज सैकड़ों घरों में पहुंच रही है। जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। नालो के गंदे पानी से सींचकर उगाई जा रही सब्जी अपने साथ कई बीमारी के जीवाणु लोगों के घर तक पहुंचा रही हैं। हरी सब्जी से अच्छी सेहत की उम्मीद लगा रहे लोगों के लिए यह घातक साबित हो सकती है।
गौरतलब है कि गत 4 वर्ष पहले एनजीटी ने प्रदेश सरकार को आदेशित किया था कि पता लगाएं कि प्रदेश में कहां कहां सीवेज के पानी से सिंचाई कर सब्जियां उगाई जा रही है। क्योंकि सीवेज के पानी से उगाई जाने वाली सब्जियां लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं। लेकिन 4 साल बाद भी किसी तरह का कोई सर्वे या सीवेज के पानी से सिंचाई करने वालों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि सीवेज पानी में खतरनाक बैक्टीरिया होते हैं यह बैक्टीरिया पानी के साथ-साथ खेत में पहुंचते हैं। इसी से पौधे अपना भोजन बनाते हैं यह प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है। सब्जियां तैयार होने पर पानी के साथ पौधे में पहुंचे बैक्टीरिया का अंश सब्जियों में आ जाता है। वहीं दूषित पानी से उगाई जाने वाली सब्जियों के सेवन से स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे कई तरह की बीमारियां होती हैं। यही कारण है कि एनजीटी ने सीवेज के पानी से उगाई जाने वाली सब्जियों पर तत्काल रोक लगाने के आदेश दिए है।
भारी व जहरीली धातुएं से बढ़ा खतरा:
सीवेज वाटर में भारी व जहरीली धातुएं मानव स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा है। गटर के पानी में लेड, केममियम, क्रोमियम, निकिल जैसी भारी धातुएं होती हैं जिनमें से कुछ जहरीली भी हैं। इसके अलावा डिटर्जेंट, कास्टिक सहित अन्य हानिकारी पदार्थ भी इसमें पाए जाते हैं। जो मिट्टी के जरीय फलों व सब्जियों में चले जाते हैं। ऐसे फल व सब्जियां लोगों को बीमार करते हैं।
इन नालो से बड़े पैमाने पर कुछ किसानों द्वारा सब्जी की खेती की जा रही है। वर्तमान में गोभी, बैंगन, टमाटर, पालक, हरी मिर्च, प्याज आदि लगे होने की जानकारी है। यह सब्जी शहर के बाजार में बेची जाती है। जिसे लोग हरी और ताजी मानकर खरीदते हैं, जबकि इसमें गंदे पानी के तमाम अवगुण मिले होते हैं।
डॉक्टरो का मत:
सिविल चिकित्सक डॉ. केडी मंडलोई का कहना है कि प्रतिदिन हर घर से गंदा पानी निकलता है इसमें बीमारी फैलाने वाले कई बैक्टीरिया होते है अगर इस पानी से सब्जियों का उत्पादन किया जा रहा है तो सब्जी खाने वालों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ेगा। इसके नियमित सेवा से पीलिया, कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियां होने की संभावना बनी रहती है।
कच्ची सब्जी होती है अधिक नुकसानदायक:
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नाले के पानी से कई तरह की बीमारियां होती हैं। इसके उपयोग से पैदा की जा रही सब्जियों से भी ऐसी घातक बीमारियां हो सकती हैं। ऐसी सब्जियां जो बिना पकाए सीधे खाई जाती हैं, उनसे अधिक खतरा रहता है। जैसे टमाटर, हरी मिर्च, प्याज आदि का उपयोग सलाद के रूप मे किया जाता है। ये सब्जियां अधिक नुकसान करती हैं। इसके साथ ही जमीन की उर्वरा क्षमता भी घट जाती है।
जल्द ही बड़े स्तर पर कार्रवाई की जाएगी:
इस संबंध में मुख्य नगर पालिका अधिकारी सुरेशचंद्र त्रिवेदी से चर्चा करने पर उनका कहना है कि पंपावती नदी से सटे खेतो में जहरीली हरी सब्जियों की खेती हो रही है। इस संबंध में मेरे पास जानकारी है। इसको रोकने के लिए जल्द बड़े स्तर पर कार्रवाई की जाएगी।
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