गुजरात राज्य पथ परिवहन निगम के कर्मचारी मांगों को लेकर उतरे हड़ताल पर, यात्री हुए परेशान

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राजेंद्र शर्मा, ब्यूरो चीफ दाहोद
गुजरात राज्य पथ परिवहन निगम के कर्मचारियों द्वारा लंबे समय से लंबित पड़ी। मांगों के निराकरण एवं बार बार ज्ञापन सहित अनेक कार्यक्रम करने के बावजूद उनकी मांगों पर आज दिन तक कोई फैसला न आने पर नाराज हुए गुजरात राज्य पथ परिवहन निगम के कर्मचारी आज से मास सीएल पर उतर जाने से दाहोद शहर से राज्यभर में आवागमन करती 72 बसों के पहिए थम जाने से परिवहन निगम को एक ही दिन में अंदाज 10 लाख रुपए का नुकसान पहुंचे होने की आशंका है। वहीं दूसरी ओर परिवहन निगम की बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा था एवं अपने गंतव्य स्थान पर जाने के लिए अन्य विकल्प खोजते नजर आए थे। गुजरात राज्य पथ परिवहन निगम के कर्मचारियों की पिछले कई दिनों से लंबित पडी मांगे जैसे कि सातवें वेतन आयोग, फिक्स वेतन पर कार्यरत कर्मचारियों को सरकारी नियमों के तहत सभी सुविधाएं मुहैया कराना, आश्रितों की भर्ती, तबादले तबादले के परिपत्र तत्काल असर से रद्द करना, सेटलमेंट की धारा भंग होने से उसकी रोकथाम, ग्रेजुएटी की रकम में बढ़ोतरी जेसी अन्य मांगों के निराकरण हेतु बार-बार निगम के तीनों मंडलों द्वारा राज्य सरकार को ज्ञापन देकर अपनी मांगों को लेकर अनेक कार्यक्रम कर राज्य सरकार से गुहार लगाई थी किंतु आज दिन तक उनकी लंबित पड़ी। विविध मांगों पर कोई फैसला न होने पर 28-29 फरवरी को धरने तथा सूत्रोचार कार्यक्रम के बाद भी कोई निराकरण ना आने पर तीनों मंडलों द्वारा राज्य सरकार को दिए गए। अल्टीमेटम के तहत आज परिवहन निगम के अनेक कर्मचारी अपने कामकाज से दूर रहकर मांस सीएल पर उतर गए थे जिसके कारण दाहोद शहर से राज्य भर में आवागमन करती बसों के पहिए थम गए थे। निगम की बसें बंद रहने से यात्रियों तथा रोजाना बस से अप-डाउन करने वाले यात्री, विद्यार्थी तथा कर्मचारियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। दाहोद शहर में आज तकरीबन 72 जितनी बसों के पहिए थम जाने से परिवहन निगम को एक ही दिन में तकरीबन 10 लाख रुपए का नुकसान झेलना पड़ा था एवं निगम की बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों को अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचने के लिए अन्य विकल्प खोजते नजर आ रहे थे शहर के रेलवे स्टेशन पर भी भारी भीड़ देखने को मिली थी।
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