सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद कमलनाथ सरकार कर्जमाफी के लिऐ ” आधार” पर अड़ी

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चंद्रभानसिंह भदोरिया @ चीफ एडिटर

जय किसान कर्जमाफी योजना मे कमलनाथ सरकार ने ‘आधार’ के नाम पर एक चलनी क्या लगाई झाबुआ जिले के 30 हजार 36 किसान परेशान हो गए हैं। इन किसानो ने तय तारीख तक सफेद फार्म भरे है। इस आधार नाम की छलनी से किसानों में गहरी नाराजगी साफ देखी जा सकती है।

आधार को लेकर परेशानियां इस तरह की आई सामने-
जय किसान फसल ऋण माफी योजना मे कमलनाथ सरकार ने कर्जमाफी के लिए आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया है लेकिन दिक्कत उन किसानो को आ रही है जिनके आधार नही है औ न ही बन पा रहे है। झाबुआ लाइव को पेटलावद इलाके में दो किसान ऐसे मिले जो आधार के फेर मे फंसे है। पहले किसान के रुप मे हमे खाताधारक के 107 साल के किसान बालुराम पाटीदार मिले जिनका नाम कर्जमाफी के रुप में 1 लाख 70 हजार रुपये माफ करना तो सूची में आ गया लेकिन दिक्कत अब आधार की पड़ रही है। क्योंकि 107 साल के खाताधारक किसान बालुराम पाटीदार के हाथो की ऊंगलियों की लकीरें तो घिस चुकी है और कई प्रयासों के बावजूद आधार नहीं बन पा रहा। ऐसे में परेशान उनके बेटे भैरुलाल निवासी बावडी कहते है कि अब बैंक वाले परेशान कर रहे है कह रहे है आधार लाओ वरना कर्जमाफी खटाई में पड़ जाएगी। इसी तरह पेटलावद निवासी 90 साल की वरदीबाई है जिनका 1 लाख रुपए 80 हजार रुपए माफ होने का पत्र मुख्यमंत्री कमलनाथ के फोटो के साथ मिल चुका है अब बैंक आधार का दबाव बना रही है और वरदीबाई की ऊंगलिया इस काबिल नहीं है जो आधार को अपना फिंगर प्रिंट दे सके। ऐसे मे वरदीबाई के बेटे मोहन हामड परेशान है और कर्जमाफी को लेकर आशंकित है। दोनों के वारिस का कहना है कि वह अपने आधार कार्ड लेकर जा रहे है तो मान्य नहीं किया जा रहा है।

केंद्र ओर राज्य स्तर पर सरकार का रुख अलग अलग क्यों…?
जय किसान फसल ऋममाफी योजना में आधार को आम किसानों को परेशान होना पड रहा है। दिलचस्प बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले में शासकीय योजनाओं का लाभ लेने के लिए ‘आधार’ की अनिवार्यता को रद्द कर चुका है ओर कांग्रेस भी अखिल भारतीय स्तर पर आधार की अनिवार्यता के खिलाफ बोलती आई है लेकिन मध्यप्रदेश मे कमलनाथ सरकार आधार की अनिवार्यता कर किसानों को परेशान कर रही है झाबुआ से बीजेपी विधायक गुमानसिंह डामोर कहते है कि यह कांग्रेस का दोहरा रवैया है और चाहे देश की सुरक्षा हो या कोई भी क्षेत्र हो कांग्रेस हमेशा दोहरा रवैया अपनाती है।

यह बोले जिम्मेदार-
आधार अगर किसी का नही बन पा रहा है तो उसके लिए शासन ने बकायदा आदेश जारी किया है कि उनके वारिस का आधार मान्य किया जाए। -सीएल खपेड़, कृषि अधिकारी पेटलावद

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