सावधान! चिप वाले एटीएम कार्ड की भी हो रही क्लोनिंग, महिला के खाते से निकाले 35 हजार 700 रुपए

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सलमान शैख, पेटलावद 
ऑनलाइन और साइबर ठगी को रोकने के लिए बैंक मैग्निटक कार्डों को बंद करके नए ईएमवी चिप वाले एटीएम कम डेबिट कार्ड जारी कर रहे हैं इन कार्डों से ठगी पर लगाम कसने के दावे किए जा रहे हैं लेकिन अब शातिरों ने इन कार्डधारकों को ठगने का नया तरीका निकाला है। एटीएम क्लोन बनाकर इन दिनों ठगी के काफी मामले आ रहे हैं। ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला मप्र के झाबुआ जिले के पेटलावद शहर में एक महिला खाताधारक के खाते से हजारों रुपए निकालने का एक नया मामला सामने आया हैए रुपए निकलने से परेशान हुई महिला ने आज पुलिस थाना पहुंचकर पुलिस को घटना की जानकारी दी। जानकारी के मुताबिक ललिता सुरेशचन्द्र पाल का खाता एसबीआई की झंडा बाजार शाखा में था। पीडि़ता का कहना है उनका एटीएम उनके पास था और न तो उनके पास कोई काल आया न ही कोई मैसेजए फिर भी उनके खाते से 35 हजार 700 रुपये की राशि निकाल ली गई। उनके खाते से यह राशि दो ट्रांजेक्शन में पहले में 15 हजार 19 जनवरी रात को करीब 11 बजकर 38 मिनट तो 20 जनवरी की सुबह दूसरा 700 रुपए का 6 बजकर 40 मिनट ओर 20 हजार का तीसरा ट्रांजेक्शन 6 बजकर 41 मिनट पर हुआ। एटीएम का क्लोन बनाकर रुपए निकाले जाने का यह पहला और नया मामला सामने आया है, जबकि एटीएम ललिता पाल के पास में है। उन्होंने एटीएम केवल एक्टिव किया था, उससे राशि नही निकाली थी। जिससे यह कहा जा रहा है कि ठगों ने एटीएम का क्लोन बनाकर ठगी की वारदात को अंजाम दिया है। बताया जा रहा है कि महिला के खाते से यह ठगी करीब 1500 किमी दूर उड़ीसा से शातिरों ने की है, जिनका कोई सुराग नही मिला है।
अब भी सुरक्षित नही बैंको में रखे रुपये
साइबर ठगों के निशाने पर चिप वाले एटीएम कार्ड भी आ गए हैं। यह शहर के लोगों की नई मुसीबत है। बैंक के निर्देश पर लोगों ने अपना चिप वाला एटीएम कार्ड का इस्तेमाल तो शुरू कर दिया, लेकिन उसके साथ ही उस एटीएम की क्लोनिंग भी तेजी से शुरू कर दी गई है। बिना कोई कॉल आए एटीएम से ठग रुपए निकाल रहे हैं। चिप वाले एटीएम कार्ड से रुपये निकालने की ज्यादातर घटनाएं एसबीआई कार्डधारकों के साथ हो रही हैं। रातोंरात पूरे अकाउंट को खाली कर दिया जा रहा है। धोखधड़ी की इस वारदात में एक बात सामने आ रही है कि सभी के खाते से रात में ही रुपये निकाले गए। खाते से पूरे रुपये निकल जाने के बाद ही ठगी का पता चला। नई साइबर ठगी का शिकार प्रतिदिन कोई न कोई हो रहा है।
ऐसे होती है एटीएम और सिम की क्लोनिंग-
स्कीमर लगाकर एटीएम कार्ड की कापी कर लेते हैं। एटीएम कार्ड की कॉपी करने वाला गिरोह भीड़ वाले एटीएम को अपना निशाना बनाते हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों का डाटा कलेक्ट हो सके। क्योंकि स्कीमर की बैटरी एक से डेढ़ घंटे की होती है। एटीएम मशीन के कार्ड स्वैपिंग स्लॉट पर एक विशेष मैग्नेटिक डिवाइस लगा देते हैं। चिप के आकार का यह डिवाइस एटीएम कार्ड के बारकोड और चिप की सारी इनफार्मेशन को कॉपी कर लेता है। इस डिवाइस में कार्ड का ब्लूप्रिंट तैयार हो जाता है। इसके अलावा एटीएम की-पैड को सीपीयू और कार्ड रीडर से जोडक़र भी एटीएम की क्लोनिंग की जाती है। इसके बाद विशेष सॉफ्टवेयर की मदद से एटीएम का क्लोन तैयार कर लिया जाता है।
साइबर फ्रॉड से बचने के लिए आप अपनाएं ये उपाय-
एटीएम पिन मशीन में टाइप करते समय उसे हमेशा हाथ से ढक लें, जिससे स्पाई कैमरा उसे कैद न कर सके। ट्रांजेक्शन करने से पहले एटीएम में इसकी जांच जरूर कर लें की कहीं सीसीटीवी मशीन के सामने तो नहीं लगा। सुनसान एरिया वाले एटीएम से पैसे निकालने से बचेए ऐसे एटीएम में शातिर स्कीमर लगाकर अपना शिकार बनाते है। आपने कोई ट्रांजेक्शन नहीं किया हो तो खाते से कटौती का मैसेज आते ही तुरंत बैंक से संपर्क करके लेनदेन रुकवाए।
साइबर सेल को लेटर लिखा हैए जांच चल रही है-
इस मामले में अभी कुछ कहा नही जा सकता है क्योंकि राशि भुवनेश्वर (उड़ीसा) से निकाली गई है। हमने साईबर सेल को लेटर लिखा है। मामले को पूरी गम्भीरता से लिया जाकर जांच चल रही है।-नरेंद्र वाजपेयी, टीआई 
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