अखिल भारतीय दयानंद सेवाश्रम के विराट वैदिक कार्यक्रम में बोले राज्यपाल पीबी आचार्य : स्वयं को शिक्षित कर अपने ज्ञान को ऊंचाइयों तक ले जाएं अंचलवासी
रितेश गुप्ता, थांदला
नमस्ते को मेरा नमस्कार, अपनी उक्त बात को समझाते हुए नागालैंड राज्य के महामहिम राज्यपाल पीबी आचार्य ने अखिल भारतीय दयानंद सेवाश्रम थांदला के स्वर्ण जयंती पर आयोजित विराट वैदिक सम्मेलन के दूसरे दिन अपने कहा कि नमस्ते मे नमस्ते में देश कई राज्यों के प्रथम शब्द जैसे एन से नागालैंड से एम-असम सेे मिजोरम आदि सभी राज्य जहां का में राज्यपाल रहा हूं या जहां से मैं संबंध रखता हूं कि ओर से आप सभी को नमस्कार करता हूं। अपने उद्बोधन में उन्होंने शिक्षा के प्रचार-प्रसार एवं शिक्षित होकर देश को समृद्ध बनाने पर जोर दिया। उन्होंने ट्राइबल या पिछड़ा होने की दौड़ से हटकर स्वयं को शिक्षित कर अपने ज्ञान को ऊंचाइयों तक ले जाईए। शिक्षा एकमात्र जरिया है जिसके द्वारा हम राष्ट्रवाद की भावना से जुड़ते है। इस क्षेत्र को समझने के लिए में कल पूरा दिन यहां भ्रमण करता रहा ओर बारीकी से हर पहलू को देखा ओर आप ने अज मुझे तीर कमान जो कि यहां की परंपरा का प्रमुख हिस्सा है दिया और में आपकी जनजातीय भील में शामिल होकर अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। 88 वर्षीय राज्यपाल महामहिम ने उक्त आयोजन में खड़े रह कर 45 मिनट तक संबोधित किया व उनके उद्बोधन से उपस्थितजनों को अभिभूत किया। वैदिक सम्मेलन में पहुंचे महामहिम का लोकनृत्य के साथ स्वागत किया गया। मंच पर पहुंचने के पूर्व आर्य समाजजनों से विशेष चर्चा की। तत्पश्चात वैदिक विराट सम्मेलन के मंच पर दीप प्रज्जवलन किया। संस्था अध्यक्ष विश्वास सोनी द्वारा स्वागत उद्बोधन दिया गया। संचालक दयानंद सागर, जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष गौरसिंह वसुनिया, भाजपा प्रदेश मंत्री संगीता सोनी, कोषाध्यक्ष गुलाबसिंह आर्य, प्रधानाध्यपक नीरज भट्ट, प्राचार्य प्रवीण अत्रे द्वारा स्थानीय प्रतीक चिन्ह के रुप में तीर कमान, झुलड़ी-जैकेट व चांदी का कड़ा पहना कर स्वागत किया गया। पार्षद गजेन्द चौहान, राजू धानक ने 51 किलो की माला पहनाकर राज्यपाल का स्वागत किया। अवसर पर स्कूल स्टाफ का सम्मान भी राज्यपाल द्वारा एवं उपस्थित अतिथियों द्वारा किया गया। अवसर पर दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा के के महामंत्री विनय आर्य ने भी सम्बोधीत किया व महाशय धर्मपाल का प्रतिनिधित्व करते हुए आश्रम में वन कन्या आश्रम हेतु 50 लाख रुपए देने की व शीघ्र कार्य प्रारंभ करवाने की बात कही व 10 लाख रुपए नगद राशि सेवाश्रम में देने की घोषणा महाशय धर्मपाल की ओर से की गई। अवसर पर सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा दिल्ली के महामंत्री जोगेन्द्र खट्टर, प्रकाश आर्य, दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा धर्मपाल आर्य, डॉ. अनूप मिश्रा, डा. सोमदेव शास्त्री, आचार्य महेन्द्र पाल ने भी सम्मेलन को संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन आचार्य दयासागरजी, जीववर्धन शास्त्री द्वारा व आभार संस्था उपाध्यक्ष ओम प्रकाश भट्ट किया गया। विराट वैदिक सम्मेलन के दूसरे दिन प्रात: वैदिक यज्ञ का आयोजन हुआ। यज्ञ के यजमान सुधा बीएल गुप्ता, वैशाली-अर्जुन सोनी, अमित-शिल्पा शाहजी, महेश नागर, सौरभ-डोली सोनी, अन्नुसिंह अमलियार, रामसिंह मावी, सुजीत भाबर आदि ने वैदिक यज्ञ में आहूति देकर धर्मलाभ लिया। वैद के ज्ञान का प्रकाश सूर्य के समान सबके लिए सहज उपलब्ध है।
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