चंद्रभानसिंह भदोरिया @ चीफ एडिटर
करीब दो दशक बाद एक बार फिर आदिवासियों के लिए अलग राज्य की मांग उठी है जयस के राष्ट्रीय संरक्षण डाक्टर हीरालाल अलावा ने बकायदा ट्वीट ओर वीडिओ जारी कर यह मांग की है । आपको बता दे कि जयस आदिवासियों के लिए काम करने वाला संगठन है ओर मध्यप्रदेश सहित कई आदिवासी बहुल राज्यो मे तेजी से उभरा है ।
चार राज्यो के इन जिलों को मिलाकर भीलप्रदेश बनाने का मांग
जयस की ओर से अपनी मांग के समथ॔न मे एक नक्शा जारी किया गया है जिसमे मांग की गयी है कि इन जिलों को जोड़कर भीलो के लिए अलग राज्य बनाया जाये । जिन जिलों को शामिल करने की मांग है उनमें
मध्यप्रदेश से – रतलाम रुरल ; झाबुआ ; अलीराजपुर ; बडवानी ; धार ; खरगोन ओर खंडवा के कुछ ब्लाक ।महाराष्ट्र के – नंदूरबार ; धुलिया ; नासिक ; थाणे
गुजरात के – दाहोद ; पंचमहल ; बडोदरा ग्रामीण ; नम॔दा ; भरुच ; वापी ; डांग ; सुरत ; नवसारी ; बलसाड ; साबरकांठा एंव बनासकाठा ।
राजस्थान के – बांसवाडा ; डूंगरपुर ; उदयपुर ; सिरोही ; जालोर ; बाडमेर शामिल है ।
इसलिए मांगा भील प्रदेश
अपने वीडिओ बयान मे डाक्टर हीरालाल ने आदिवासियो के लिए अलग भील प्रदेश की मांग करते हुऐ कहा कि आजादी के 72 साल बाद भी आदिवासी पिछड़े है ओर 5 वी अनुसूची अभी तक लागू नही हुई है ओर इसी कारण आदिवासी कुपोषण के शिकार है शिक्षा – स्वास्थ – रोजगार आदि मामलो मे ही बदहाली का शिकार है डाक्टर अलावा ने बताया कि अलग भीलप्रदेश बनाकर 6 वी अनुसूची लागू की जाये ताकी आदिवासीयों का समुचित विकास हो सके ओर अपने फैसले वह खुद ले सके ।
दो दशक पहले स्वर्गीय दिलीपसिंह भूरिया ने उठाई थी मांग
आज से करीब दो दशक पहले आदिवासीयों के लिए अलग राज्य की मांग को लेकर तत्कालीन कांग्रेस नेता ओर सांसद दिलीपसिंह भूरिया ने गुजरात के दाहोद के तत्कालीन सांसद सोमजीभाई डामोर के साथ मिलकर एमपी / राजस्थान / गुजरात के कुछ जिलों को मिलाकर भीलस्तान की मांग उठाई थी ओर माहोल बनाना शुरु किया था लेकिन उस समय यह मांग जोर नही पकड सकी ओर सांसद दिलीपसिंह भूरिया को आलोचना का सामना करना पडा था ओर फिर दिलीपसिंह भूरिया जब बीजेपी मे चले गये तो उनकी मांग भी कमजोर हो गयी ।
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