योगेन्द्र राठौड़ सोंडवा
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भागवत कथा के सप्तम सौपान मे महान गौ पालक कमल किशोर जी नागर ने अपने उद्गार में कहा धन्य है वो भूमी जहा भागवत कथा का आयोजन हुआ।जो लोग कही पर पांच मिनट नही बैठते वे भी कथा मे चार पांच घंटे बैठे रहे इससे लगता है कि ईश्वर से तार जुड गये है। धर्मद्रोह करने वालो,धर्म परिवर्तन करने वालो पर कटाक्ष करते हुए कहा जिस राम ने आपको नही छोड़ा तो आप क्यो थोड़े से लाभ के लिए राम को छोड़ रहो हो। सत्य को खतरा हो राष्ट्र को खतरा हो धर्म को खतरा हो ऐसा कर्म ना करे।ऑफिस जरूर दिल्ली मे रखना पर घर जनता के दिल मे रखना। आगे निकलने की इच्छा ना रखो,इच्छा रखनी हो तो भगवत प्राप्ति कि रखो। नोजवानो से आह्वान किया कि ऐसा सोक ना रखे जिससे बाद में परिवारवालो को शौक करना पड़े। योजना बदलते बदलते जीवन पुरा हो जाएगा और कंधे कंधे बदलते बदलतेे श्मशान आ जाएगा। नीचे से ऊपर जाने वाला ही सफल है,ऐसे कर्म करो की कभी ऊपर से नीचे ना आने पाओ। ऊपर से नीचे आने वाली गंगा भी समुद्र में मिलकर खारी हो जाती है और किसी की प्यास बुझाने लायक नही रहती,पर नीचे से ऊपर जाने वाला कुआ सबकी प्यास बुझाता है। आदमी को चाहिए कि बड़ा होने के बाद भी छोटा रहे। उसकी नजर में रहो,पल्ले पर पूण्य रखना खाली हाथ मत जाना। कथा सुनकर पूण्य भर लेना ओर पाप कम कर लेना।