सावधान! बस में स्कूल जाते समय क्या आपका बच्चा सुरक्षित है ? यह खबर पढ़ आप भी रह जाएंगे दंग…

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सलमान शैख़@petlawad
बच्चे देश का भविष्य होते हैं लेकिन जब बच्चे ही खतरे में हो तो आप खुद सोच सकते है कि उस देश का आने वाला भविष्य कैसा होगा। उस देश का भविष्य अंधकार में ही होगा जहां बच्चों पर भी रहम नहीं किया जाता है।
यह खबर उन हर माँ-बाप को डरा देगी जो अपने नन्हे बच्चो को स्कूल में ये सोचकर भेजते है की वे वहाँ बिलकुल सुरक्षित होकर बेहतर बन रहे है| परन्तु हाल ही में हो रहे कुछ ऐसे वाक़ियात हो रहे है जो सच्चाई पर से पर्दा उठाते है निश्चित ही आपको डरा देंगे|
दरअसल, बात पेटलावद की द संस्कार वेली पब्लिक स्कूल की है। जहां ट्रांसपोर्ट के नाम पर अभिभावकों से मनचाही फीस ले रहे हैं लेकिन क्या आपने ये जानने की कोशिस की कभी कि जिस स्कूल बस से आपका बच्चा आता जाता है। वो स्कूल बस सुरक्षा के कई मानकों पर खरी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट की जिस तरह से स्कूल बस के गाइडलाइन्स है उन गाइडलाइन्स का स्कूल बसों में पालन नहीं हो रहा है।
जब तक आपका बच्चा सुरक्षित घर आ जा रहा है तब तक तो ठीक है लेकिन कोई हादसा हो जाए तो क्योकि ऐसा ही कुछ हो रहा है स्कूल की बसों में।

चालक लापरवाहीपूर्वक चलाते है बस
स्कूल में जो बसे है वो भी नियमो के विपरीत चलाई जा रही है। चालक लापरवाहीपूर्वक बस को चलाते है जिससे हादसे की आशंका रहती है। कई मर्तबा छोटे-मोटे हादसे की शिकार भी बसे हुई है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि अगर कोई बदा हादसा हो गया तो फिर स्कूल प्रबंधन क्या जवाब देगा।

*जान जोखिम में डालकर जाते हैं स्कूल
बच्चों के बीच केवल अपहरण जैसी वारदातें नहीं होती हैं, बल्कि शहर में कई प्रकार के वाहन बच्चों को स्कूल लाने ले जाने का कार्य करते हैं। इसमें बच्चों की जान को कितना खतरा है, कोई देखने वाला नहीं है। प्रशासन तो दूर, पैरेंट्स भी शायद जानना नहीं चाहते। स्कूल आटो में बच्चे ठूस- ठूस कर भरे जाते हैं। जगह न होने पर पीछे लटक कर जाते हैं। यदि कोई घटना हो जाए तो कौन जिम्मेदार होगा।

*कई प्रकार के जोखिम स्कूली बच्चों को*
स्कूली बच्चों को जहां बसों आदि में क्षमता से अधिक भरा जाता है, जिससे दम घूटने की आशंका रहती है। वहीं संख्या ज्यादा होने के कारण पीछे लटक कर जाना और चालक के बाजू में खड़े होकर जाना उनके जान को खतरे में डालता है। इतना ही नहीं, स्कूली वाहनों को भारी वाहनों से टकराने का भी खतरा बना रहता है, क्योंकि शहर से गुजरे स्टेट हाइवे पर भारी वाहन और बसें तेज रफ्तार से भागते हैं, जो कि स्कूली बच्चों के लिए खतरा है। द संस्कार वेली पब्लिक स्कूल की भी जो बसे हैं, वो कितने फिट हैं उनमें सभी प्रकार के सुरक्षा नियमों का पालन हो रहा है या नहीं, कोई जानने वाला नहीं है।

*घटना के बाद जागता है प्रशासन:*
जब भी कोई बड़ी घटना होती है। उसके बाद सरकार और प्रशासन भी उस आधार पर अन्य प्रकार की घटनाओं को रोकने या कार्रवाई में जुट जाता है। प्रशासन स्कूल बसों, ड्राइवरों के आपराधिक इतिहास व अनियमितताओं की जांच में जुट जाता है। फिर कुछ दिनों बाद मामला शांत पड़ जाता है।

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