पुरानी यूनिफॉर्म में स्कूल आ रहे बच्चे, दो दो जोड़ी गणवेश देने के निर्देश
विजय मालवी, खट्टाली
पढ़ेगा इंडिया तो बढेगा इंडिया,सब पढ़ें ,सब बढ़ें मध्य प्रदेश शासन का नारा है और होना भी चाहिए क्योंकि जब तक बच्चे पढ़े-लिखे नहीं होंगे तब तक देश का भविष्य उज्जवल नहीं होगा। किसी भी देश के विकास में शिक्षा का बड़ा महत्व है। बड़ा योगदान है और जहां शिक्षा नहीं वहां विकास संभव नहीं है। इसी बात को ध्यान रखते हुए मध्य प्रदेश सरकार कई कार्यक्रम चला कर लोगों को शिक्षा के लिए जागरूक करने का प्रयास कर रही है। इसीलिए सरकारी विद्यालयों में पढ़ रहे छात्रों के लिए ड्रेस इत्यादि उपलब्ध करा कर उन्हें विद्यालय आने के लिए प्रेरित कर रही है। मगर ग्रामीण में कई परिसर विद्यालयों की हालत बहुत ही दयनीय है क्योंकि यहां पर विद्यालय में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं को ना तो ड्रेस उपलब्ध कराई गई है और ना ही पर्याप्त पाठ्य पुस्तकें दी गई हैं।
नवीन सत्र शुरू होने के 6 माह बीत जाने के बाद भी यहां के स्कूली छात्र छात्राएं पुरानी ड्रेस के साथ पढ़ने को मजबूर हैं, जबकि शासन का आदेश है कि 15 जुलाई तक ड्रेस का वितरण हो जाना चाहिए।
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चो को इस बार अभी तक स्कूलों में नहीं बटी गणवेश। जबकि इसकी राशि एनआरएलएम के खाते में जमा हुए महीनों बित गए। जिले के प्राथमिक स्कूलों में हजारो बच्चों को दो जोड़ी ड्रेस दी जानी है। लेकिन शिक्षण सत्र पूर्ण होने के दो महीने शेष है फिर भी प्राथमिक स्कूलों के बच्चों को गणवेश नहीं मिली है। यही वजह है बच्चे बगैर गणवेश के स्कूल आ रहे हैं। विशेष बात यह है राज्य शिक्षा केंद्र ने एनआरएलएम को बच्चों की गणवेश के लिए करोडो रुपए की राशि भी जारी कर दी है। सरकार द्वारा प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों के बच्चों को निशुल्क गणवेश वितरित की जाती है। पिछले वर्षों में बच्चों के अभिभावकों के खातों में राशि आती थी। लेकिन अब एनआरएलएम समूहों के जरिए गणवेश सिलाई कराकर बच्चों को दी जाने वाली है। पूर्व वर्षो की भांति इस शिक्षण सत्र में प्राथमिक कक्षाओं में छात्र छात्राओं को गुणवत्ता पूर्ण गणवेश वितरण हेतु शासन द्वारा राशि 50% बढ़ाई गई । परंतु इसे बच्चों के खातों में न डालते हुए एन आर एल एम के माध्यम से सिलाई करवा कर देने का बताया जा रहा है ।चूँकि शिक्षण सत्र समाप्ति की ओर है अभी तक छात्र छात्राओं को गणवेश का ना मिलना कही ना कही शासन प्रशासन में हो रहे भ्रष्टाचार की ओर इंगित कर रहा है ।दूसरी और विद्यार्थी गणवेश की बाट जोह रहे हैं।ऐसे में गरीब परिवारों के लोग अपने बच्चों को पुराने कपड़े पहनाकर स्कूल भेज रहे हैं क्योंकि आर्थिक बदहाली का यह आलम किसी से छिपे छुपा नही है ,गरीब परिवारों के लोग सरकारी विद्यालयों में अपने बच्चों को पढ़ाने ही इसलिए भेजते हैं ताकि बच्चों को एक समय का भोजन , पहनने के लिए कपड़े, पुस्तक आदि निशुल्क मिल जाती है ।जिससे उन पर बच्चो की पढ़ाई का बोझ हावी न हो।
वहीं दूसरी और मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता में वापसी से भी गणवेश वितरण कर रहे एनआरएलएम व एन जी ओ आदि में हड़कंप मचा हुआ है ।
पूर्व में पालक अपने बच्चों को गणवेश अपने हिसाब से दिलवा देते थे ।जिसमें छात्रोंकी पैंट शर्ट होती थी व छात्राएं सलवार सूट आदि लेती थी परंतु नए आदेशों में लड़कों को हाफ पैंट शर्ट तथा लड़कियों को शर्ट स्कर्ट देने का प्रावधान बताया जा रहा है।इसमे भी कही न कही भ्रष्टाचार की गंध आती प्रतीत हो रही है।
एक दिलचस्प बात यह भी है कि क्षेत्र के दोनो विधायकद्वय द्वारा गणवेश वितरण में हो रही देरी व जो वितरित की जा रही है उसकी गुणवत्ता पर प्रश्न उठा कर गणवेश वित्तरण में हुई अनियमित्तता को उजागर किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर विधायकद्वय द्वारा अधिकारियों को खुली चेतावनी दी जा चुकी है गणवेश वितरण में हो रहे भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा व बच्चों को गुणवत्तापूर्ण ड्रेस बांटने हेतु निर्देश भी दिया जा रहा है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा अब बच्चों को मिलने वाली ड्रेस किस गुणवत्ता की मिलती है।
क्या कहते है
गणवेश 3 से 4 दिनो में बट जाएगी ।सभी संकुलो पर गणवेश रखवा दी गई है। एनआरएलएम के कार्यकर्ता स्कूलों में जाकर ड्रेस बटवाएंगे
विनोद कुमार कोरी डीपीसी अलीराजपुर
राज्य शिक्षा केंद्र से गणवेश के लिए एनआरएलएम को करोडो की राशि जारी किए जाने के बाद भी अभी तक स्कूल के बच्चों को गणवेश का वितरण नहीं होना बड़ी लापरवाही को उजागर करता है।साथ ही गणवेश काफी घटिया स्तर के बने हुए है।इसे में बर्दास्त नही करूँगी। छात्र छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ नही करने दूंगी।
कलावती भूरिया, विधायक जोबट
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