स्कूल मे न तो शोचालय है न ही किचन शेड

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15झाबुआ लाइव के लिए मेघनगर से दशरथ कट्ठा/भूपेंद्र बरमंडलिया की रिपोर्ट –
ग्राम पंचायत झाराडाबर की नवीन प्राथमिक विद्यालय गुंडिया फलिया अधिकारियो की भारी लापरवाही करने व अपनी मनमर्जी के चलते गरीब स्कूली बच्चों से खिलवाड़ कर रहे है। स्कूल में शोचालय नही है साथ ही मध्यान्ह भोजन बनाने वाली रसोइसनों 10 माह से मेेहनताना मिला है यह मामला जब सामने आया है।जब बुधवार झाबुआ लाइव द्वारा पड़ताल की गई जिसमें स्कूल के श्क्षिक व मध्याहृ भोजन नियम अनुसार चल रहा है लेकिन ना ही कीचन शेड पूर्व में शाला में शोचालय की सुविधा थी जिसे तुडवा दिया गया और दूसरा शोचालय आज तक नही बनवाया गया है। जिससे बच्चो को शोचालय के लिए परशानियो का सामना करना पड रहा है दूसरी और मध्यान्ह भोजन बनाने वाली महिलाओं तोली पति काला गूंडिया निवासी गूंडिया फलिया झाराडाबर, बाबुडी पति कालु गूंडिया निवासी झाराडाबर, समूह संचालक पंजू पति सुनील गुंडिया निवासी झाराडाबर को भी परेशानिया का सामना करना पड़ रहा है क्योंिक आज तक किचन शेड स्कूल मे नही बना है फिर भी नियम अनुसार भोजन दिया जा रहा है। लेकिन जब बच्चो से पुछा गया तब बच्चो ने बताया कि हमें शोचालय के लिये खेत में जाना पड रहा है दूसरी बात हमे आज तक स्कूल में दूध नही मिला है और हमें गणवेश की राशि भी नही मिल रही है जो स्कूल मे करीब 60 बच्चे पाए गए जिन्हांेने बताया कि हमें भोजन रोजना सही सामय से मिलता है और शिक्षक भी समय से आते है ऐसे भोजन बनाने वाली महिलाओं ने बताया कि हमें करीबन 9 से 10 माह से राशि नही दी जा रही है, फिर भी हम कार्य कर रही है ऐसे सवालो से लगता है कि एक गरीब महिला को अगर 10 माह तक पैसंे नही मिले तो कैसा होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है वह किस प्रकार अपना व अपने परिवार का भरण पोषण कर रही होगी? महिला ने बताया कि हमारे द्वारा उच्च अधिकारियो से इस संबंध में चर्चा की गई तो उनका कहना है कि अभी आगे से ही पैसा नही आया है आएगा तो मिल जाएगा ऐसे समय चलते समूह से पुछा गया तो उन्होनंे बताया कि हमें केवल पिछले वर्श के 10 हजार और माह जून में 5 हजार मिले है हम पत्रक लेके जाते है तो खान साहब हमसे एक पत्रक के 200 रुपए की मांग करते है तब पत्रक मिलता है हमने पुछा तो कहते है कि ये तो सब से लेता हॅूं और तुम्हारे अकेले से थोडी ही ले रहा है इसके बाद भी जैसे तैसे करके बच्चो को रोजना भोजन दिया जा रहा है वही दूसरी ओर पूर्व शिक्षक के नाम से चल रहा स्कूल का खाता जिस कारण अभी तक गणवेश भी नही मिली है बच्चो को जो कि बिना गणवेश के ही स्वतंत्रता दिवस मनाया गया था। एक और शासन कई योजना चला रही है की ग्रामीण के बच्चो के लिये और दूसरी और अधिकारी अपनी मनमानी व भारी लापरवाही कर रहे है ऐसे में 14 जून को एक शिक्षक का स्थानांतरण अन्यत्र शाला में हो गया जिसके कारण शाला का खाता उक्त शिक्षक के नाम से ही था जो आज दिनांक तक भी नही बदला गया जिससे कई परेषानियो का सामना करना पड रहा है। ऐसे में शिक्षक नानुराम घोती ने बताया कि ऐसे कैसे निकालेगे क्योकि बैंक खाता आज तक नाम परिवर्तन नही हुआ है जो हमने जन षिक्षक को कई बार बोल चुके है और लिखित में भी कई बार आवेदन दिया गया लेकिन अधिकारियो के कान पे जू तक नही रेग रही।
क्या कहते है जिम्मेदार –
दो दिन मे खाता परिवर्तन हो जाएगा इनके अकेले का नही है क्योकि हमारेे पास 35 स्कूल है तो एक एक करके बैंक से होता है और न ही बीईओ करेगा और दूसरी बात दूध की है तो दूध भी कल स्कूल पहुंच जाएगा।
– कयुम खान सीएससी झाराडाबर

शोचालय का निर्माण कार्य चालू है जो बनने वाले है वह करीब 10 या 15 दिन में वहां पर बना देगे और खाता परिवर्तन की बात है तो उनको हमारे से आकर मिलना चाहिए क्योंकि दूध नही मिल रहा है या गणवेश राशिा नही मिल रही है ये तो छोटी मोटी समस्या चलती रहती है और आवेदन लेकर आए तो मैं तुरंत हस्ताक्षर कर दंूगा।
– निर्मल त्रिपाठी बीआरसी मेघनगर