शिक्षकों की फैशनेबल पोशाक नगर में बनी चर्चा का विषय

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14 13झाबुआ लाइव के लिए मेघनगर से भूपेन्द्र बरमंडलिया/दशरथ कटठा की रिपोर्ट-
आजादी पर्व के दौरान सभी शासकीय विद्यालयों के छात्र व छात्राएँ अपने स्कूल ड्रेस में नगर में प्रभात फेरी के दौरान नजर आये वहीं इन छात्र छात्राओं को षिक्षा देने वाले अनेकों शिक्षक अपनी मस्ती मे अपने हिसाब से फैशनेबल वेशभूषा में नगर में प्रभात फेरी व कार्यक्रम के दौरान नजर आये। शायद इन शिक्षको को स्कूल ड्रेस कोड से ज्यादा रंगीन फैशनेबल पोशाक पहनकर अपनी अलग पहचान बताना चाहते थे क्योंकि शासकीय ड्रेस में शायद रंगीन मिजाज शिक्षकों कों शर्म महसूस हो रही होगी। आष्चर्य तो तब होता है राष्ट्रीय पर्व पर आयोजित कार्यक्रम में सभी शासकीय कार्यालय के कर्मचारी दशहरा मैदान पर उपस्थित थे वहीं रंग बिरंगी फैशनेबल पोशाक वाले शिक्षक एक अलग ही अंदाज में नजर आ रहे थे परंतु इन शालाओं के प्राचार्याें ने भी इन्हें ड्रेस कोड पहनने के लिये आदेशित नहीं किया। कार्यक्रम के दौरान कुछ शिक्षक को छोड़ मुख्य खंड शिक्षा अधिकारी बीएस नायक मात्र ड्रेस कोड में नजर आए परंतु उन्होंने इन फैशनेबल पोशाक वाले शिक्षकों को कुछ भी नहीं कहा जो कार्यक्रम स्थल व नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है। जनचर्चा तो यह कि दशहरा मैदान पर आयोजित कार्यक्रम में अनेकों स्कुल से शिक्षिकाएं भी आती है शायद इन शिक्षकों को इस ड्रेस में शर्मिंदगी महसूस होती होगी। जिसके चलते ये शिक्षक हमेषा रंगीन ड्रेस में रहते है। वहीं निजी शालाओं के शिक्षक व शिक्षिकाएं भी अपनी स्कूल यूनिफाॅर्म नहीं पहनते हुए फैशनेबल पोशाकों में नजर आये जिसके चलते आम जन अपने अपने हिसाब से अलग अलग गुफ्तु गु करते रहे। गोरतलब है कि ड्रेस कोड अक्टूबर माह 2014 में तात्कालिक कलेक्टर बी.चंद्रशेखर बोरकर द्वारा झाबुआ जिले में लागू किया गया था। आज इस संबंध में सहायक आयुक्त शकुंतला डामोर को दूरभाष पर चर्चा करना चाही तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
यह बोले जिम्मेदार-
हमें इस बारे में कोई जिले से ड्रेस कोड का आदेश नहीं मिला था कि 15 अगस्त को ड्रेस कोड में आए।
– खंड शिक्षा अधिकारी नायक
राष्ट्रीय पर्व जब सभी छात्र व छात्राये ड्रेस में आए थे तो शिक्षको को तो हर हाल में ड्रेस में आना था मैं इस बारे में अगली मिटिंग में प्रशासन से चर्चा कर ऐसे शिक्षकों पर उचित कार्रवाई करवाएंगे।
– नरवरसिंह हाड़ा, अध्यक्ष शिक्षा समिति मेघनगर
शिक्षकों को अनुशासन को देखकर ही बच्चे इनका अनुकरण करते है।
– प्रेमलता भट्ट, पूर्व जनपद सदस्य

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