बुराइयों-कुरीतियों भेदभाव को दूर कर समाज को एक सूत्र में पिरोने की आवश्यकता : रेमसिंह डुडवे

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रक्षित मोदी, छकतला

  • छकतला के मथवाढ में धर्म सभा के अंतर्गत धार विभाग के विभाग धर्म जागरण सह संयोजक रेम सिंह डोडवे ने कहा कि हमारा समाज टुकड़ों में बांट रहा है जातिवाद का संघर्ष हो रहा है । आज क्षेत्र में धर्मांतरण हो रहा है इन सब का कारण अशिक्षा गरीबी है सभी जागरूक नागरिक जब तक मिलकर एक होकर हमारे समाज के लिए नहीं सोचेंगे तब तक यह  धर्मांतरण होगा । इसलिए हम सबको एक होकर हमारे समाज के लिए विचार करना होगा हमारे आदिवासी समाज में ऐसा जो वर्ग है जो पिछड़ा हुआ है, जो गरीब है, ऐसे लोगों के बीच में जा कर यह ईसाई मिशनरी द्वारा शिक्षा के नाम पर स्वास्थ्य के नाम पर हमारे भोले-भाले आदिवासियों को प्रलोभन देकर धर्मांतरण किया जा रहा है शिक्षा स्वास्थ्य आदि आदि लोग प्रलोभन देकर धर्मांतरण का कार्य वे लोग करते हैं हमारे समाज में और भी कई प्रकार की बुराइयां हैं जो हमारे समाज को आज ऊपर नहीं उठने दे रही हैं आज कोई भी इसाई इसाई के लिए लेने नहीं लड़ रहा है कोई भी मुसलमान मुसलमान के लिए नहीं लड़ रहा है। आज हिंदू हिंदू के लिए के साथ लड़ रहा है हिंदू हिंदू आपस में लड़ रहा है इसलिए हम सबको हमारे समाज के बारे में हमारे देश के बारे में हमारे क्षेत्र के बारे में सोचने की आवश्यकता है आज हम सब लोग मिलकर हमारे क्षेत्र में फैले रही बुराइयों कुरीतियों वर्गवाद भेदभाव आदि सब कुछ को जानकर समझकर हमारे समाज को एक सूत्र में पिरोने की आवश्यकता है। आज हम सब लोगों को संकल्प लेने की आवश्यकता है कि हमारा समाज एक हैं हम सब एक हैं हम सब हिंदू हैं । यह बात हम सब को समझना है यह सब बात हमको जाननी है जब तक हम नहीं जानेगें, तब तक हम किसी को बता भी कैसे पाएंगे इसलिए हमें अपने समाज की इन सारी समस्याओं को जानना होगा हमारे समाज में फैल रही इन सारी समस्याओं का समाधान समाज के द्वारा ही निकालना होगा। आज हमारे समाज में फैल रही कुरीतियों दहेज प्रथा बाल विवाह कुपोषण अशिक्षा गरीबी बेरोजगारी आदि सामाजिक विषयों पर चिंतन मंथन किया साथ ही हमारे सुख दुख में होने वाले कार्यक्रमों में जो अनावश्यक खर्चे जो बढ़ रहे हैं। शादी ब्याह में डीजे व भोजन आदि बुराईयां जो हमारे समाज में फैल रही है। दहेज प्रथा आदिवासी समाज में जो एक बहुत बड़ी समस्या थी उसके लिए आज सभी क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, पटेल, पुजारा, तड़वी एवं गांव के वरिष्ठ नागरिकों के समक्ष यह विषय रखा गया जिसमें यह निर्णय लिया गया की भिलाला समाज में प्रेम विवाह होने पर ₹15575 दहेज और भील समाज में ₹50500 दहेज और चूड़ी पहनने के लिए 5000 तक का खर्च और गांव में किसी की मृत्यु हो जाने पर कफन के रूप में हम जो खर्च करते हैं वह कफन न ले जाते हुए उस परिवार को ₹25 देना है।इस प्रकार का आज प्रस्ताव पारित हुआ जो उस प्रस्ताव को प्रत्येक गांव के सरपंच, पटेल के पास और वरिष्ठ नागरिकों के पास पहुंचाया जाएगा।ऐसा निर्णय काजल माता समिति द्वारा लिया गया क्षेत्र में हो रहे धर्मांतरण को भी घर वापसी के लिए भी योजना बनाई गई।

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