मध्य सत्र में अतिशेष शिक्षकों की सूची जारी होने से शिक्षकों में रोष, शिक्षक संघ ने कार्यवाही का विरोध कर दिया ज्ञापन

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P. S. Chandel, Alirajpur
अलीराजपुर जिले में प्रशासनिक अमले का दंश झेल रहे शिक्षकों पर जिला प्रशासन द्वारा अतिशेष शिक्षकों की सूची जारी कर ताबडतोड कांउसलिंग भी आयोजित करना कई शंकाओं को जन्म दे रहा है। मध्य प्रदेश शिक्षक संघ ने त्वरित सक्रियता दिखाते हुए प्रशासन से अनुरोध किया है, कि तत्काल सूची पर रोक लगाते हुए उसे निरस्त किया जाय। इस संबंध में म.प्र.शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष हेमन्त सिसौदिया ने ज्ञापन देते हुए बताया कि लगातार प्रशासन द्वारा शिक्षा विभाग में दखलअंदाजी बर्दाश्त के बाहर है। उक्त सूची में भारी विसंगतियों के दृष्ट्गित 10 कारण बताते हुए तत्काल निरस्त करने का ज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अलीराजपुर को दिया गया। जिसमें शिक्षा का आधा सत्र व्यतीत होना, वरिष्ठ पर कनिष्ठ को तरजीह देना, चुनावों में शिक्षकों की ड्यूटी लगाकर प्रशिक्षण का सम्पन्न होना, बी.एल.ओ.कार्य में लगे शिक्षकों का होना आदि विसंगतियों से अवगत कराया जाकर कार्यवाही को रोकने की मॉंग की गई।
गौरतलब है, कि सभी शिक्षकों की जानकारी निर्वाचन आयोग ने पद से लेकर पदस्थापना सहित उनके कर्तव्य का निर्धारण कर दिया है, ऐसे में प्रशासन का बेमौसम शिक्षकों को परेशान करने के दृष्टिकोण से युक्तियुक्तकरण के नाम पर 152 शिक्षकों का शासन की अनुमति के बिना तबादला किये जाने की कार्यवाही प्रशासन की तानाशाही नीति को इंगित करता है,जिसका म.प्र.शिक्षक संघ घोर विरोध करता है।
देखा गया है, कि अन्य जिलों में जहॉं जिला प्रशासन, शासन की नीति के विरूद्ध किसी भी पदस्थापना को बदलने से साफ इंकार करते है, वही इस जिले में इतनी बडी संख्या में शिक्षकों की सूची जारी होना किसी विशेष प्रयोजन को दर्शाती है। बहरहाल आचार संहिता के लग जाने से यह कार्यवाही शिथिल हो गई है, अन्यथा जिला प्रशासन को शिक्षकों का कोपभाजन बनना लगभग तय था।
इस अवसर पर जिला संगठन मंत्री बालकृष्ण शर्मा, जिलाध्यक्ष हेमन्त सिसौदिया, सचिव शैलेन्द्रसिंह सोलंकी, उदयगढ खण्ड अध्यक्ष हाबूसिंह चौहान, सचिव भलसिंह चौहान, कोषाध्यक्ष अजय मण्डलोई, अध्यापक संघ के गुलसिंह सोलंकी, रामसिंह तंवर, मानेन्द्र सिंह गेहलोत, अखिलेष सिंह पवॉंर, पुष्पेन्द्र सिंह वाघेला, खुमसिंह सोलंकी आदि पदाधिकारी उपस्थित थे।

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