मुमुक्षु मयंक पावेचा की दीक्षा व वर्षीतप पारणा महोत्सव अक्षय तृतीया पर

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 रितेश गुप्ता, थांदला
आचार्य उमेशमुनिजी के शिष्य प्रवर्तक जिनेन्द्रमुनिजी, गिरीशमुनिजी, चन्द्रेशमुनिजी ठाणा-3 और साध्वी संयमप्रभाजी संयम, प्रज्ञाजी सुज्ञाजी, हितज्ञाजी, सौम्यप्रभाजी, रक्षाजी, प्रेक्षाजी मसा ठाणा-7 के दर्शनार्थ श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के श्रावक-श्राविकाएं श्रीसंघ के अध्यक्ष जितेन्द्र घोड़ावत और सचिव प्रदीप गादिया के नेतृत्व में निकली चार दिवसीय दर्शन यात्रा के तहत मंगलवार को महाराष्ट्र के हिंगणघाट शहर पहुंचे। गौरतलब है कि प्रवर्तक जिनेन्द्रमुनिजी व मुनिमंडल और साध्वी संयमप्रभाजी एवं साध्वी मण्डल इस वर्ष वर्षावास हेतु महाराष्ट्र के हिंगणघाट शहर में विराजित है। यात्रा में मुमुक्षु मयंक प्रमोद पावेचा एवं उनके परिवारजन और करीबी रिष्तेदार भी शामिल थे। हिंगणघाट में धर्मसभा के दौरान श्रीसंघ के पदाधिकारियों, सदस्यों और मुमुक्षु मयंक पावेचा के परिवारजनों ने प्रवर्तक जिनेन्द्रमुनिजी को दीक्षा का आज्ञा पत्र सौंपा। वही बलवाड़ी (सेंधवा) की मुमुक्षु नेहा महावीर सुराना का भी दीक्षा का आज्ञा पत्र बलवाड़ी संघ और परिजनों ने सौंपा। इस अवसर पर मुमुक्षु नेहा सुराना भी उपस्थित थी। थांदला श्रीसंघ ने प्रवर्तक जिनेन्द्रमुनिजी मसा से दीक्षा थांदला में प्रदान करने, 2018 का वर्षावास थांदला को प्रदान करने और अक्षय तृतीया पर होने वाले वर्षीतप के तपस्वियों के पारणे का लाभ थांदला संघ को प्रदान करने की पुरजोर विनंती की। बलवाड़ी संघ द्वारा भी दीक्षा की विनंती की गई। संघ की विनंती को स्वीकार करते हुए प्रवर्तक जिनेन्द्रमुनि मसा ने दीक्षार्थी मयंक पावेचा की जैन भगवती दीक्षा और अक्षय तृतीया पर वर्षीतप पारणा महोत्सव की स्वीकृति थांदला संघ को प्रदान की। गौरतलब है कि 7 मई 2018 अक्षय तृतीया के दिन प्रवर्तक जिनेन्द्रमुनि के मुखारविन्द से मुमुक्षु मयंक पावेचा सांसारिक जीवन का त्याग करके सयंम जीवन अंगीकार करेगे। इसी दिन प्रवर्तक श्रीजी के सानिध्य में वर्षीतप आराधक अपने तप में लगे दोषों की विशुुद्धि के लिये आलोचना करेगे। वही बलवाड़ी संघ की विनंती को स्वीकार करते हुए प्रवर्तकश्रीजी ने मुमुक्षु नेहा सुराना की जैन भगवती दीक्षा 10 फरवरी को बलवाड़ी में ही करने की घोषणा की। इस दिन धर्मसभा में धर्मदासगण परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्ञानचंद बुपक्या और थांदला श्रीसंघ, बलवाड़ी श्रीसंघ सहित विभिन्न क्षेत्रो के श्रीसंघों से 500 से भी अधिक श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थे। थांदला श्रीसंघ को मुमुक्षु मयंक पावेचा की दीक्षा और वर्षीतप पारणा महोत्सव की स्वीकृति मिलने से तथा बलवाड़ी संघ को नेहा सुराना की दीक्षा महोत्सव की स्वीकृति मिलने से स्थानीय संघ ही नही अपितु क्षेत्रों के श्रीसंघों ने भी हर्ष व्यक्त कर प्रवर्तक जिनेन्द्रमुनिजी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की। थांदला श्रीसंघ ने प्रवर्तक जिनेन्द्रमुनि, मुनिमंडल और साध्वी संयमप्रभाजी व साध्वी मंडल का दो दिन तक सानिध्य प्राप्त किया।

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