राष्ट्रसंत तरुणसागरजी के संथाने पर अर्पित किए श्रद्धा सुमन

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हरीश राठौड़

अपने प्रवचनों से जन जन में जागृति का अलख जगाने वाले समाज और राष्ट्र की जनता को अपने क्रांतिकारी प्रवचनों से जगाने वाले राष्ट्र संत तरुणसागरजी के संलेखना संथारा पूर्वक समाधी मरण पर स्थानक भवन में पूज्य संत संदीपमुनिजी और अतिशय मुनिजी के सानिध्य में राष्ट्र संत के गुणों का स्मरण करते हुए 4 लोगस्य के ध्यान उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किये लोगस्य का ध्यान राजेन्द्र कटकानी ने कराया। संघ अध्यक्ष नरेन्द्र कटकानी और सचिव जितेन्द्र कटकानी ने बताया कि तरुणसागर जी समाज और राष्ट्र की अमूल्य धरोहर थे उनका हमारे बीच से असमय चले जाना समाज और राष्ट्र की अपूरणीय क्षति है।

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